कलेक्टर के हाथों में जिले की कमान होती है । शायद यही वजह है कि ज्यादातर बच्चों से यदि पूछा जाए कि वो बड़े होकर क्या बनेंगे तो जवाब आएगा कलेक्टर। लेकिन एक कलेक्टर के अंदर जितनी जिम्मेदारी जिले और प्रशासन की होती है। उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बनाने की भी।
कलेक्टर ने जीता दिल
कलेक्टर ने जीता दिल
गुजरात के आणंद में ऐसा ही नजारा देखने को मिला । जहां कलेक्टर आरजी गोहिल ने एक रिटायर्ड कर्मचारी को इतना बड़ा सम्मान दे दिया जिसे वो अपनी पूरी जिंदगी नहीं भूलेगा। दरअसल कलेक्टर दफ्तर में प्यून का पिछले दिनों रिटायरमेंट था। जब कलेक्टर साहब को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने से उम्र में बड़े बुजुर्ग प्यून के लिए सरप्राइज प्लान किया । प्यून को ऑफिस से आखिरी विदाई देते वक्त कलेक्टर अपनी कुर्सी से खड़े हुए और बुजुर्ग प्यून को अपने साथ लाकर कुर्सी पर बिठा दिय़ा। प्यून को पहले यकीन नहीं हुआ लेकिन बाद में पूरे स्टाफ के कहने पर वो कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने के लिए राजी हुआ। कलेक्टर से ऐसा सम्मान पाकर प्यून कुछ पलों के लिए गदगद हो गया।
गुजरात के आणंद में ऐसा ही नजारा देखने को मिला । जहां कलेक्टर आरजी गोहिल ने एक रिटायर्ड कर्मचारी को इतना बड़ा सम्मान दे दिया जिसे वो अपनी पूरी जिंदगी नहीं भूलेगा। दरअसल कलेक्टर दफ्तर में प्यून का पिछले दिनों रिटायरमेंट था। जब कलेक्टर साहब को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने से उम्र में बड़े बुजुर्ग प्यून के लिए सरप्राइज प्लान किया । प्यून को ऑफिस से आखिरी विदाई देते वक्त कलेक्टर अपनी कुर्सी से खड़े हुए और बुजुर्ग प्यून को अपने साथ लाकर कुर्सी पर बिठा दिय़ा। प्यून को पहले यकीन नहीं हुआ लेकिन बाद में पूरे स्टाफ के कहने पर वो कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने के लिए राजी हुआ। कलेक्टर से ऐसा सम्मान पाकर प्यून कुछ पलों के लिए गदगद हो गया।