दंतेवाड़ा। क्या आप सोच सकते है की एक बहन खुद अपने भाई को पुलिस स्टेशन जाके सरेंडर करने को कह सकती है, खबर दंतेवाड़ा जिले से है, जहाँ 22 साल के मल्ला की नक्सलवाद ज़िंदगी को उसकी बहन ने ख़त्म कर दिया।
12 साल पहले मल्ला के चाचा ने उसके हाथो में बंदूक थमा दिया और घर से लेकर चले गए। इतने सालो के बाद जब वह अपनी बहन से राखी बंधवाने घर पंहुचा तो बहन ने साफ़ साफ़ कह दिया कि राखी तब बांधूंगी, जब आप सरेंडर करोगे। बहुत सोचने के बाद मल्ला ने स्टेशन जाकर सरेंडर कर दिया तब जाकर उसकी बहन लिंगे ने अपने भाई को थाने में ही राखी बाँधी। बहन को तोहफे में नक्सलवाद से आजादी चाहिए थी। उसका कहना है की हर वक़्त मुझे ये डर लगा रहता है कि कभी भी मेरे भाई का एनकाउंटर हो सकता है। सरेंडर करने के बाद कम से कम वो जिन्दा तो होगा। इसलिए उसने मल्ला से ज़िद की जिसके आगे मल्ला को झुकना पड़ा और अपनी बहन के लिए उसने सरेंडर कर दिया। एक भाई ने अपनी बहन को राखी के उपहार में अपनी ज़िंदगी की सलामती दी।