रायपुर। झीरमकांड में कांग्रेस नेताओं के नरसंहार को लेकर भूपेश सरकार ने नए सिरे से जांच शुरू करावाई है। इस मामले में एसआईटी ने प्रत्यक्षदर्शी और दिवंगत नेता विद्याचरण शुक्ल के बेहद खास रहे दौलत रोहड़ा को पूर्व में भी बयान के लिए बुलाया था। लेकिन उस समय बयान दर्ज नहीं हो पाया था। आज रोहड़ा को दोबारा बयान के लिए बुलाया गया था, उसके बाद उन्हें भिलाई ले जाया गया, जहां पर उनका बयान दर्ज किया गया है।
विदित है कि 25 मार्च 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के बाद लौट रहे वरिष्ठ नेताओं के काफिले पर माओवादियों ने हमला किया था। इस बड़े हमले में तात्कालीन प्रदेश कांग्रेस नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा सहित 31 लोगों को माओवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। तब से कांग्रेस लगातार जांच की मांग करती रही, लेकिन डाॅ. रमन सरकार ने इस मामले को सिर्फ टालने का काम किया था।