रायपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भले की सियासत का बाजार ठंडा नहीं हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ की सौम्य परंपरा के चलते यहां पर सियासत पर रामलला के प्रति श्रद्धा कहीं ज्यादा प्रभावी नजर आ रही है। यही वजह है कि प्रदेश की राजधानी सहित अन्य हिस्सों में केवल रामलला की गूंज सुनाई दे रही है। शहरों से गांव तक हर दल के प्रतिनिधि रामलला की पोस्टर लगवा रहे हैं।
विदित है कि कल का दिन यानी 5 अगस्त को एक नया इतिहास भारत के साथ जुड़ने वाला है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल रामलला मंदिर निर्माण की नींव रखने जा रहे हैं, जिसका बरसों से इंतजार हो रहा था। कल लाखों लोगों की उम्मीद परवान चढ़ेगी, लाखों का संकल्प पूरा होगा।
इस बात की खुशी छत्तीसगढ़ की राजधानी से लेकर पूरे प्रदेश में भी नजर आ रही है। भाजपा के साथ कांग्रेस के लोग भी रामलला के मंदिर निर्माण की रखी जाने वाली नींव को लेकर उत्साहित हैं, तो उनके सहयोगी दल के प्रतिनिधिगण अपनी खुशी को इजहार करने में किसी तरह की कमी नहीं कर रहे हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले तक कुछ लोग इस विषय को लेकर सियासी पारे को चढ़ाने की कोशिश में लगे थे, लेकिन वे इस बात को भूल गए थे कि सनातनधर्मी इस देश में रामलला के खिलाफ बोलने का दुष्परिणाम क्या हो सकता।
बहरहाल रामलला के मंदिर का निर्माण अयोध्या में होना है, इसकी सबसे ज्यादा खुशी स्वाभाविक रूप से उनके ननिहाल में होगी ही, इससे भला कौन इंकार कर सकता है।