रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पुलिस के आह्वान पर रायगढ़वासियों के सहयोग से प्राप्त मॉस्क को रक्षाबंधन के दिन “एक रक्षासूत्र मास्क का” जागरूकता के महाअभियान के रूप में चलाया गया और लोंगों को मास्क पहनने का संदेश दिया गया। पुलिस द्वारा रक्षाबंधन के दिन कोरोना के इस समय बहनों को प्रेरित किया गया कि वो राखी के साथ रक्षासूत्र के रूप में मॉस्क भाइयों को दें और भाई गिफ्ट के रूप में मॉस्क गिफ्ट दें। साथ ही सभी लोग व संस्थान अपने दोस्तों, परिजनों और परिचितों, कर्मचारियों को मॉस्क दें। साथ ही पुलिस द्वारा रक्षाबंधन पर्व पर मास्क के प्रति जागरूकता लाने एक जागरूकता अभियान के जरिए पूरे जिले में मास्क वितरण का अभियान चलाया गया। पहले इस अभियान में 7-8 लाख मॉस्क बाँटने थे। लेकिन लोगों से 12.37 लाख अंतिम दिन तक प्राप्त होने पर उसे वितरित किया गया।
रायगढ़ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि कुल 362 विभिन्न संस्थानों संगठनों के सहयोग से प्राप्त 12.37 मॉस्क को 985 पुलिसकर्मियों,7,500 वॉलिंटियर्स के विशेष सहयोग से पूरे रायगढ़ जिले में बांटा गया। साथ ही विभिन्न संस्थाओंध्लोगों ने अपने संस्थानोंध् अपने-अपने घरों में अनुमानित 2.5 लाख मॉस्क बांटे। जिले में रिकार्ड लगभग 14.87 लाख मास्क का वितरण। अधिकांश लोगों को एक से अधिक मॉस्क मिले, जरूरतमंदों को अधिकाधिक मास्क हुए वितरित। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह द्वारा इस मुहिम को सफल बनाने के लिए एडिशनल एसपी रायगढ़ अभिषेक वर्मा, समस्त पुलिस अधिकारियों व समस्त थाना प्रभारियों को जिले के सभी जनप्रतिनिधियों, छोटे-बड़े संस्थानों, सभी धर्म, समाज के लोगों, मीडिया समूह को इस अभियान से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गयी थी।
मीडिया सहित प्रदेश के तमाम छोटे-बड़े प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सदस्यों ने अपने अखबार एवं वेब पोर्टल पर इसे प्रमुखता से स्थान दिए। साथ ही युवा वर्ग द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर पर इससे जुड़ने का अभियान चलाया गया। जिले भर में होर्डिंग्स लगाए गए और पम्पलेट्स बांटें गए। इसे लेकर जिले से लेकर चर्चा रही, सभी ने इस अनूठे मुहिम को समर्थन दिया। जिलेवासियों का अपार समर्थन व सहयोग से दिन प्रतिदिन मासिक वितरण का टारगेट बढ़ता गया। कार्ययोजना अनुसार 02 अगस्त (रविवार) दोपहर सभी मास्क संग्रहण केंद्र से मास्क जिले के सभी थानाध्चैकी क्षेत्र के प्रत्येक गांव के दूरस्थ अंचल तक वितरण हेतु पहुंचाया गया । मुहिम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कर रही है, वहीं वर्ल्ड रिकार्ड दर्ज करने अन्य संस्थाओं में यह प्रक्रियाधीन है।