रायपुर। राजधानी रायपुर में युवा कांग्रेसी नेता लोकेश वशिष्ठ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली आबकारी उपनिरीक्षक नीलम किरण सिंह का दांव अब उल्टा पड़ता नज़र आ रहा है। पूरे मामले की शिकायत युवा कांग्रेसी नेता ने गृह मंत्री सहित SSP रायपुर को की है जिस पर अब जांच के आदेश दिए गए है।
आपको बता दे कि आज अपना बयान जारी करते हुए युकाँ नेता लोकेश वशिष्ठ ने मीडिया को बताया की उनको आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा किए जा रहे अवैध कार्यों एवं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की कीमत अब बदनामी के रूप में ईनाम के तौर पर मिल रही है। महिला आबकारी उपनिरीक्षक नीलम किरण सिंह द्वारा उन्हें झूठे आरोप मे फँसाने और लड़ाई लड़ने की बात पिछले कई दिनो से की गयी, जब लोकेश ने अभनपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में हो रहे अवैध कार्यों के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की तो ये बात आबकारी अधिकारी को रास नहीं आयीं और अपनी चोरी को छुपाने की मंशा से आबकारी अधिकारी द्वारा धमकी देते हुए फ़साने की बात लोकेश वशिष्ठ के निजी मोबाइल नम्बर पर दिनांक 30 जुलाई की रात पौने 1 बजे वाट्सएप मेसेज के माध्यम से भेजी गयी। लोकेश ने कहा कि अब जब आबकारी उपनिरीक्षक नीलम किरण सिंह की पोल खुलते दिख रही है तो उससे बचने के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर ही शासकीय कार्य में बाधा का झूठा आरोप लगाना शुरू कर दिया। महिला द्वारा धमकी के आरोपों को सिरे से ख़ारिज करते हुए लोकेश वशिष्ठ ने इस पुरे मामले के पीछे आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा सुनियोजित ढंग से फँसाने और अपने काले कारनामों को छुपाने की बात कही है।।
लोकेश ने प्रदेश के गृहमंत्री सहित रायपुर SSP को शिकायत कर साक्ष्यों को प्रस्तुत किया है। लोकेश ने कहा कि उन्हें यह पूरा खेल सीधे तौर पर बदनाम करने और राजनीतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा द्वेष की भावना से प्रेरित दिखायी दे रहा है। इन सभी परिस्तिथियों को देखते हुए गृह मंत्री,आबकारी मंत्री एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा मामले की जाँच के आदेश दिए गए है।