रायपुर। महापौर एजाज ढेबर के कार्यों पर हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी है। सप्रे शाला और दानी स्कूल मैदान को छोटा कर ऐतिहासिक धरोहरों को खत्म करने तथा बिना टेंडर के निर्माण कार्य कराए जाने की याचिका को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगल पीठ ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है। इस पूरे मामले में याचिकाकर्ताओं को करारा जवाब मिला है। जिस पर हाईकोर्ट ने कोर्ट फीस भी जब्त करने का आदेश दे दिया है। याचिकाकर्ता डॉ. अजित डेंगरेकर ने वकील प्रफुल्ल भारत के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर आज फैसला आ गया है। हाईकोर्ट में आज मिली जीत को महापौर एजाज ढेबर ने राजधानीवासियों की जीत बताया है।
बता दें कि इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए लगभग 40 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत किया गया है। नगर निगम सप्रे शाला व दानी स्कूल प्रांगण के डेड एरिया का उपयोग कर अंतरराष्ट्रीय खेल मैदान बनाया जा रहा है। इससे राजधानी के खेल से जुड़े लोगों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही दानी स्कूल को राजधानी का बेहतर स्कूल के रूप में डेवलप किया जाएगा। यहां पर अत्याधुनिक क्लास के साथ अच्छी केमेस्ट्री भी बनाई जाएगी।
पहली सुनवाई में शासकीय कार्य में दखल नहीं देने दिया गया था आदेश
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अजित डेंगरेकर ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में निगम प्रशासन पर सप्रे शाला और दानी गर्ल्स स्कूल मैदान को छोटा करने सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट ने पहले की सुनवाई करते हुए शासकीय कार्य में दखल नहीं देने का आदेश जारी किया था।
आज एक बार फिर हुई सच्चाई की जीत : महापौर
सप्रे शाला व दानी स्कूल मैदान मामले में नगर निगम को आज बड़ी जीत मिली है। यह जीत शहरवासियों की जीत है। हम सप्रे शाला व दानी स्कूल प्रांगण के डेड एरिया का उपयोग कर अंतरराष्ट्रीय खेल मैदान बनाने जा रहे हैं। इससे राजधानी के खेल से जुड़े हुए लोगों को लाभ मिलेगा। इस पूरे मामले में याचिकाकर्ताओं को करारा जवाब मिला है। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए लगभग 40 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत किया गया है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। आज एक बार फिर सच्चाई की जीत हुई है।
- आर्डर कापी देखने के बाद ही कुछ कहना ठीक होगा- प्रफुल्ल भारत, याचिकाकर्ता वकील
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया है। अभी आॅर्डर की कापी पढ़ने के बाद ही कुछ कहना ठीक होगा।
- हाईकोर्ट ने याचिका किया खारिज: पीयूष भाटिया, वकील
निगम प्रशासन की ओर पक्ष रखने वाले अधिवक्ता पीयूष भाटिया ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से सप्रे शाला मैदान को छोटा करने, बिना टेंडर के निर्माण व पेड़ काटने को लेकर जनहित याचिका लगाया गया था। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगल पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है। साथ जनहित याचिका की सिक्यूरिटी राशि को जब्त करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस के सामने याचिका लगी हुई थी। याचिकाकर्ता के तीन पीटीशन थे। पहला निगम द्वारा सप्रे मैदान के 50 पेड़ काटे जाने, दूसरा व्यावसायिक गतिविधि के लिए सप्रे शाला स्कूल के खेल मैदान को खत्म करने और तीसरा दानी गर्ल्स स्कूल के क्लास रूम को तोड़े जाने को लेकर थी। भाटिया ने बताया कि सप्रे शाला मैदान का एक भी पेड़ नहीं काटा गया है। दूसरा सप्रे शाला मैदान का हिस्सा कहीं से भी छोटा नहीं किया जा रहा है। पीयूष भाटिया ने यह भी कहा कि न्यायालय को हमने जानकारी दी है कि सप्रे शाला मैदान और दानी गर्ल्स स्कूल में कोई भी कामर्शियल एक्टिविटी शुरू नहीं करने वाले हैं। वहां पर कोई भी चौपाटी नहीं बनने वाली है। सारी चीजों को बस नया स्वरूप दिया जा रहा है। आज के समय के हिसाब से स्मार्ट सिटी को तैयार किया जा रहा है।