रायपुर। राजधानी में पूर्ववर्ती सरकार ने कई काम शुरू किए, लेकिन ठेकेदारों की मनगर्जी के चलते ऐसे कई काम पाइप लाइन पर हैं, जिन्हें काफी वक्त पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था। जबकि ठेकेदार मिले काम के बदले सरकार से उगाही करने में कहीं पर किसी तरह की कोताही नहीं करते। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट लालपुर का दूसरा ओवर ब्रिज है, जो बीते तीन साल से अटका पड़ा है। अब इस काम को पूरा करने के लिए निर्माण कंपनी को दिसंबर तक का समय दिया गया है, इस दौरान यदि काम पूरा नहीं हुआ, तो उसके खिलाफ टरमिनेट आर्डर जारी हो जाएगाी। सरकार ने इस वास्ते शपथ पत्र भी ले लिया है।
बता दें कि यह पुल जीएस एक्सप्रेस कंपनी बना रही है, जिसके पास स्काईवॉक का भी काम था। अफसरों ने बताया कि राजधानी के किसी काम को पूरा करने के लिए ठेकेदार से शपथपत्र पहली बार लिया गया है। यही नहीं, लालपुर ओवरब्रिज को अब नया स्वरूप देने की भी तैयारी है। इस पुल को झूलते पुल यानी सस्पेंशन ब्रिज का लुक दिया जाएगा। हालांकि यह सस्पेंशन पुल तकनीक पर बनेगा नहीं, केवल ऐसा दिखेगा। स्टील के गर्डर और तारों से इसे यह लुक दिया जाएगा, जो जगदलपुर रोड पर दोनों ओर से नजर आएगा।
काशीराम नगर की तरह इस फ्लाईओवर को भी लाइटिंग से सजाया जाएगा। पुल के नीचे सिर्फ चार पाए रहेंगे और ब्रिज के ऊपर वायर लगे रहेंगे। लालपुर के पास रायपुर-धमतरी राजमार्ग पर बनने वाले ओवरब्रिज की सुविधा दस महीने यानी मार्च 2018 में ही मिल जानी थी। 786 मीटर लंबाई और 8.40 मीटर चैड़ाई वाले ब्रिज को बनाने के लिए विभाग ने शुरुआत में 10 महीने का वक्त निर्माण एजेंसी को दिया था। सरकार की तरफ से इस मामले पर सख्ती बरती गई है, जिसकी वजह से अब लोक निर्माण विभाग भी हरकत में आ गया है। इस मामले में लोनिवि के कार्यपालक अभियंता शिरीष पडेगांवकर ने इस बात की पुष्टि की है।