कोझिकोड। केरल में हुए विमान हादसे ने देश के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. एयर इंडिया के पायलेट दीपक साठे ने अपनी जान गवा कर लोगों की जान बचाई। ख़राब मौसम और इंजन में खराबी की वजह से लैंडिंग गेयर काम करना बंद कर दिया था। विमान में लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए दीपक ने पहले एयरपोर्ट के तीन चक्कर लगाए ताकि फ्यूल ख़त्म हो जाए और विमान में आग ना लगे. शहीद दीपक साठे को 36 साल का अनुभव था जिसकी वजह से विमान में बैठे अन्य यात्रियों को जान बचा पाने में सफल रहे. हलाकि विवान का एक एयर विंग टूट गया था और हादसे में विमान खाई में जा गिरा जिसकी वजह से दो पायलेट और 18 यात्रियों की मौत हो गई. दीपक के चचेरे भाई नीलेश साठे ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया कि दीपक ने किस तरह प्लेन को आग लगने से बचाया।
36 साल के अनुभव ने बचाई कई लोगों की जान
नीलेश साठे ने लिखा, ‘प्लेन के लैंडिंग गियर्स ने काम करना बंद कर दिया था। दीपक ने एयरपोर्ट के तीन चक्कर लगाए, ताकि फ्यूल खत्म हो जाए। तीन राउंड के बाद प्लेन लैंड करवा दिया। उसका राइट विंग टूट गया था। प्लेन क्रैश होने से ठीक पहले इंजन बंद कर दिया। इसलिए एयरक्राफ्ट में आग नहीं लगी। दीपक को 36 साल का अनुभव था। वे एनडीए पास आउट और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्डी थे। 2005 में एयर इंडिया ज्वाइन करने से पहले 21 साल तक एयरफोर्स में रहे थे।’
छह महीने अस्पताल में भर्ती रहे
नीलेश ने आगे बताया कि 1990 के दशक में दीपक एक विमान हादसे में बच गए थे। सिर में कई चोटें आई थीं। छह महीने अस्पताल में भर्ती रहे थे। किसी ने सोचा नहीं था कि अब वह फिर से दोबारा विमान उड़ा पाएंगे, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और प्लेन उड़ाने के जज्बे की वजह से यह संभव हो पाया। यह एक चमत्कार जैसा था। दीपक अपने पीछे अपनी पत्नी और दो बेटों को छोड़ गए।