रायपुर। प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने सधा हुआ कदम उठाया है। इस पहल से प्रदेश के युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में भी सुधार की गुंजाइश बढ़ जाएगी। फिलहाल इसे तीन जिलों में शुरू किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, इसकी सफलता के आंकलन के बाद विस्तार भी संभावित है।
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में ग्रामोद्योग की गतिविधियों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल शुरू कर दी गई है। छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा राज्य के दुर्ग, कोण्डागांव एवं सुकमा जिले में ग्रामोद्योग की गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्रामोद्योग प्रक्षेत्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार की विशेष पहल पर संबंधित जिला प्रशासन द्वारा भूमि आबंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दुर्ग जिले के सेलूद ग्राम में स्थापित होने वाले ग्रामोद्योग प्रक्षेत्र में सोलर चरखे से पोनी धागा कताई एवं लूम से कपड़ा बुनाई का प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी अंतिम चरण में है। यहां ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से खादी उत्पादन केन्द्र भी शुरू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी ने बीते दिनों बोर्ड के अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रामोद्योग प्रक्षेत्र की स्थापना सहित विभाग के कामकाज की गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग्रामोद्योग के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले, यह मुख्यमंत्री की मंशा है। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए पूरी शिद्दत से मैदानी स्तर तक प्रयास शुरू करने की बात कही।
अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी ने ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा बुनकर एवं महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के अब तक के प्रयासों की सराहना की और इसे विस्तारित करने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्रामोद्योग ग्रामीण अंचल के लोगों को रोजगार व्यवसाय से जोड़ने का अच्छा माध्यम है। इसके जरिए लोगों को घर बैठे रोजगार उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है।
बैठक में प्रबंध संचालक राजेश सिंह राणा ने खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की वर्तमान गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में 219 ग्रामोद्योग इकाईयां संचालित हैं। इन इकाईयों के संचालन के लिए शासन द्वारा तीन करोड़ 5 लाख रूपए का अनुदान शासन द्वारा दिया गया है। ग्रामोद्योग इकाईयों के माध्यम से 1500 से अधिक लोगों को सीधे रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
खादी उत्पादन केन्द्रों के माध्यम से बड़ी संख्या में बुनकरों को भी रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी ग्रामोद्योग बोर्ड से जुड़ी महिलाओं द्वारा उत्पादित सामग्री की अच्छी खासी बिक्री हुई, जिससे समूहों को लाभ हुआ है। उन्होंने खादी एवं ग्रामोद्योग सामग्री की ऑनलाइन मार्केटिंग एवं मोबाइल एप्प के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि दुर्ग, अम्बिकापुर एवं रायगढ़ में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का नवीन भण्डार स्थापित किया जाएगा।