नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेनाएं अपनी ताकत में इजाफा करने में जुटी हैं। सेनाएं लेजर गाइडेड बमों से लैस हेरोन ड्रोन हासिल करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। सेनाओं की कोशिश दुश्मन के ठिकानों और बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने के लिए एंटी-टैंक मिसाइलें हासिल करने की है। चीता नाम का यह खरीद प्रोजेक्ट लंबे समय से लंबित था जिसे दुश्मन देशों की ओर से बढ़ रहे खतरे को देखते हुए सशस्त्र बलों द्वारा पुनर्जीवित किया गया है। इस खरीद पर 3,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत तीनों सेनाओं के लगभग 90 हेरॉन ड्रोनों को लेजर गाइडेड बमों से लैस किया जाएगा। यही नहीं हवा से जमीन पर और हवा से मार करने वाली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की भी खरीद होगी। यह प्रोजेक्ट उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय निकाय द्वारा हैंडल किया जा रहा है। इसमें रक्षा सचिव अजय कुमार (Defence Secretary Ajay Kumar) भी शामिल हैं। अजय कुमार तीन सेवाओं के लिए हथियारों की खरीद के प्रभारी भी हैं।