जयपुर। राजस्थान के सियासी संग्राम को एक माह पूरा हो गया है। एक तरफ जहां सीएम अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने में जुटे हैँ, वहीं भाजपा के दिग्गज पार्टी विधायकों को एकजुट रखने और यदि मौका मिले तो सरकार बनाने की रणनीति तय करने में जुटे हैं। इसी बीच, विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि दो बड़े उद्योगपतियों व तीन अफसरों ने भाजपा के 25 विधायकों से संपर्क कर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के समय अनुपस्थित रहने के लिए कहा है। इन लोगों ने जिन भाजपा विधायकों से संपर्क किया, उनमें नौ पहली बार चुनकर आए हैं, वहीं दो विधायक पहले कांग्रेस में थे,लेकिन टिकट नहीं मिलने पर वे भाजपा में शामिल हो गए।
उद्योगपतियों व अफसरों ने तीन उन निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क साधा है, जो अभी सचिन पायलट खेमे में है। भाजपा व निर्दलीय विधायकों से जिन तीन अफसरों से संपर्क साधा है, उनमें दो आइपीएस व एक राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस अफसरों ने भाजपा विधायकों के साथ ही उनके परिजनों के पुराने केस भी खंगालना शुरू किया है। इन केसों को खोलने की बात कह कर दबाव बनाया जा रहा है। एक आइपीएस अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ऐसे भाजपा विधायकों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो माइनिंग, ट्रांसपोर्ट या जमीनों के व्यवसाय से जुड़े हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि हमारे विधायकों ने जब आपस में बात की तो सामने आया कि उनके पास सरकारी अधिकारियों व व्यापारियों के फोन आए हैं। विधायकों पर अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है।
भाजपा के इस पूरे घटनाक्रम पर नेताओं ने चुटकी ली है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि भाजपा में कई खेमे बने हुए हैं। वहां कांग्रेस को सेंधमारी की जरूरत नहीं है। वहीं, विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि भाजपा अपने 72 विधायकों को 14 अगस्त को विधानसभा में लाकर दिखा दे।