नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है। 11 अगस्त को कोरोना वैक्सीन का पंजीयन भी करा लिया। इस बीच सामने आई एक रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। जिसमें बताया गया कि रूसी कोरोना वैक्सीन सिर्फ 38 लोगों पर टेस्ट हुआ। वहीं कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद उनकी बेटी को भी कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ा रहा है।
Fontanka न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूस की कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट के तौर पर दर्द, स्वेलिंग, हाई फीवर की तकलीफ देखने को मिली है। वहीं, कमजोरी महसूस करना, एनर्जी की कमी, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, डायरिया, नाक बंद होना, गला खराब होना और नाक बहने जैसी शिकायतें भी रिपोर्ट की गई हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ 42 दिन के रिसर्च के बाद वैक्सीन को मंजूरी दे दी। इस दौरान सिर्फ 38 लोगों पर जांच हुआ। जिसके बाद उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। जबकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि वैक्सीन सभी जरूरी टेस्ट में पास हो गई हैं।
पुतिन ने कहा था कि वैक्सीन लगाने के बाद उनकी बेटी को सिर्फ कुछ देर के लिए बुखार हुआ, लेकिन Fontanka न्यूज एजेंसी का कहना है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट के तौर पर कई तरह की दिक्कतें होती हैं। ये दिक्कतें व्यक्ति के शरीर में दोहराती भी हैं और कई बार लंबे समय तक रहती हैं।
दूसरी ओर वैक्सीन के पंजीयन के लिए जो कागजात दिए गए थे, उनमें लिखा था कि महामारी पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर कोई भी क्लिनिकल स्टडी नहीं हुई है। हालांकि, पुतिन ने दावा किया है कि वैक्सीन सभी जरूरी टेस्ट में पास हो गई हैं।