नई दिल्ली। कोरोना संकट काल में सुप्रीम कोर्ट ने आज हजारों लोगों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आज बीएस-4 (BS-IV) वाहनों के रजिस्ट्रेशन लेकर फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लॉकडाउन लगने के बाद बेची गई गाडियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन से पहले यानी 25 मार्च से पहले खरीदी गई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन लगने से पहले बेची गई और ई वाहन पोर्टल में रजिस्टर है सिर्फ उन्हीं वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा।
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 25 मार्च से लॉकडाउन लागू हो गया था। सब कुछ बंद होने से बीएस4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। वहीं आज इस मामले में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि जो गाडियां लॉकडाउन से पहले बेची गई है और ई वाहन पोर्टल में रजिस्टडर्ड है। उन्हीं का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। लेकिन यह दिल्ली एनसीआर में लागू नहीं होगा।
बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी। इसी बीच में देश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लागू था। इसके बाद 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया। इस बीच डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी। वहीं आज कोरोना संकट के दौर में 25 मार्च के बाद से बेची गई वाहनों की रजिस्ट्रेशन नहीं होने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। दूसरी ओर कोर्ट ने डीलर संघ को निर्देश दिया है कि वह मार्च के आखिरी सप्ताह में ऑनलाइन या प्रत्यक्ष तरीके से बेचे गए वाहनों का ब्योरा पेश करें।