रायपुर. राजधानी में एक बार फिर स्वास्थ्य विभगा की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला की जान चले गई. महिला अस्पताल के सामने एम्बुलेंस में प्रसव पीढ़ा से घंटों छटपटाती रही. बाउजुद उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया. एंबुलेंस स्टाफ ने बताया कि डेढ़ से दो घंटे ऑक्सीजन में रखने के बाद महिला ने दम तोड़ दिया. मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को इसका जिम्मदार ठहराया है. कोरोना काल में मेकाहारा से मातृ एवं शिशु विभाग को जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. जिला अस्पताल में बेड की कमी की वजह से महिला घंटों अस्पताल के सामने दर्द से तड़पती रही.
ग्राम भिंभौरी निवासी कौशल साहू ने बताया कि मेरी गर्भवती पत्नी आरती साहू (24) को भारी दर्द हुआ. वह दर्द से तड़प रही थी और स्थिति बहुत ख़राब होने लगी थी. एंबुलेंस स्टाफ़ ने ऑक्सीजन दिया और जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. इसके बाद एक डॉक्टर देखने आई और फिर चली गई. लगभग डेढ़ से दो घंटा हॉस्पिटल के बाहर गेट नंबर टू में एम्बुलेंस में मेरी पत्नी और मेरी सास इंतज़ार करती रही. बोलते रहे कि इनको हॉस्पिटल में लेकर चले लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. और मेरी पत्नी की मौत हो गई.
इस मामले में जिला अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर रवि तिवारी ने लापरवाही स्वीकार किया है, और दोषियों पर कर्रवाई करने की बात कही है.