कोरिया। जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम सलवा से सटे जंगल मे एक नर भालू तेंदू के पेड़ में बंधे तार में फंस गया। जिसे वन विभाग के बैकुण्ठपुर रेंज की टीम ने 3 घंटे रेस्क्यू कर काफी मशक्कत के बाद निकाला। यहां लगभग 33 घंटे तक भालू पेड़ की दो शाखाओं के बीच तार में फंसा रहा, रेस्क्यू के दौरान उसका पूरा ख्याल रखा गया, जिसकी वजह से उसे किसी तरह की चोट नहीं आई है।
विभाग को सुबह मिली सूचना
भालू को बचाने वन विभाग की टीम ने पेड़ के नीचे झाड़ियों में अपने सरकारी वाहन को लगा कर आधुनिक औजार का उपयोग करते हुए और भालू के हमले के डर बीच स्थानीय ग्रामीणों की मदद से 3 घंटे रेस्क्यू कर निकाला। हालांकि भालू के फसें होने की जानकारी के लगभग 7 घण्टे बाद वन अमला मौके पर पहुचा था।
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ऐसे चलाया अभियान
जंगल में उतरी वन विभाग की टीम ने सबसे पहले भालू के फसें होने की स्थिति को जांच – परखा। उसके बाद घटना स्थल से 15 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से वन विभाग के अन्य एक्सपर्ट लोगों को आधुनिक औजार सहित बुलवाया। फिर टीम के आने के पश्चात पेड़ के बिलकुल नीचे झाडियों के बीच चार पहियां वाहन पहंुचाया और तार को काटा। लगभग 3 घण्टे के प्रयास पर भालू तार के जाल से निकल पाया।
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जब वन विभाग की वाहन कीचड़ में फंसी
वन विभाग टीम की वाहन भालू को बचाने का प्रयास कर रही थी तभी चार पहियां कीचड़ में जा फंसी। उसके वावजूद टीम के सदस्यों ने पहले भालू को निकालना व बचना बेहतर समझा और जब भालू को सुरक्षित निकाल लिया गया, उसके बाद ही वह अपने वाहन को कीचड़ से निकाले।
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मादा भालू के आने का डर
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुचे ग्रामीणों ने बताया कि नर भालू के अलावा एक मादा भालू भी हैं जो लगातार इस नर भालू के आसपास दिखाई दी हैं और वह दोबारा किसी भी समय पहुच सकती हैं। इसी वजह के कारण ग्रामीणों सहित फसें भालू को बचाने आई टीम को रेस्क्यू के दौरान यह बात काफी भयभीत कर रहा था।
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने एक दिन पहले सुबह 8 बजे भालू को उसने पेड़ पर शांत बैठा देखा था। तब उसने यह नही सोचा कि भालू कही किसी परेशानी में हैं, लेकिन आज दोबारा देखने पर उसने तत्काल वन विभाग बैकुण्ठपुर के अधिकारियों को दी ताकि भालू की मदद की जा सकें।