बिलासपुर। आईएएस अनिल टुटेजा और आईएएस डॉ आलोक शुक्ला ने छत्तीसगढ़ के न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इस याचिका को न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ ने मंजूरी दे दी है। हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के मामले में अधिवक्ता अवि सिंह और अधिवक्ता आयुष भाटिया द्वारा प्रस्तुत तथ्यों को स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जनवरी, 2019 को दर्ज किया गया था जो कि एन्टी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा द्वारा वर्ष 2015 में पंजीकृत अपराध से उत्त्पन्न हुआ है, जिसमे नागरिक आपूर्ति निगम के 28 ठिकानों पर छापा मार कर करोड़ांे रूपये बरामद किए थे। इस मामले में 28 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमे अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला का नाम नही था। एन चुनाव के पहले करीब ढाई साल बाद राज्य सरकार ने पूरक चालान पेश करते हुए दोनों अधिकारियों का नाम शामिल कर दिया था।