नई दिल्ली। अवमानना केस में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। ट्वीट मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है। अब सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी। इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा था कि ट्वीट भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना नहीं है।
Now the SC wants to examine whether calling a corrupt judge corrupt would per se amount to Contempt of Court, even if you have evidence to prove it? This at a time when truth has been made a defence to a charge of Contempt! pic.twitter.com/9CKgPSolqt
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 11, 2020
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को नोटिस भेजा था।
नोटिस के जवाब में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा था, सीजेआई की आलोचना सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करता। बाइक पर सवार सीजेआई के बारे में ट्वीट कोर्ट में सामान्य सुनवाई न होने को लेकर उनकी पीड़ा को दर्शाता है। इसके अलावा चार पूर्व सीजेआई को लेकर ट्वीट के पीछे मेरी सोच है, जो भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना नहीं है।
कोर्ट की अवमानना अधिनियम की धारा 12 के तहत तय किए गए सजा के प्रावधान के मुताबिक, दोषी को छह महीने की कैद या दो हजार रुपए तक नकद जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है। अब सजा पर बहस 20 अगस्त को होगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट सजा सुनाएगी।