मध्यप्रदेश। राजगढ़ जिले के खिलचीपुर से फर्जीवाड़े का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 200 बेड का अस्पताल तो था, लेकिन सिर्फ कागजों में। राजगढ़ जिला स्वास्थ्य अधिकारी समेत कुछ डॉक्टरों ने कागज में एक ऐसे अस्पताल को मान्यता दिलाई जो कभी बना ही नहीं था। अस्पताल संचालक सहित, चार डॉक्टरों पर खिलचीपुर थाने में FIR दर्ज कराया गया है। इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर जांच कर रही कमेटी ने आरोपी अस्पताल संचालक अशोक नागर को गिरफ्तार कर लिया है। चारों डॉक्टर फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई हैं।
बता दें की, करीब छह महीने पहले राजगढ़ जिले के खिलचीपुर शहर में एक 200 बेड वाला सुसज्जित अस्पताल दिखाते हुए अशोक कुमार नागर ने शासन से बीएससी नर्सिंग कॉलेज की अनुमति मांगी थी। जबकि ऐसा कोई अस्पताल बना ही नहीं था। खिलचीपुर के पूर्व BJP विधायक हजारी लाल दांगी ने इस फर्जी अस्पताल की शिकायत कलेक्टर से की थी, जिसके बाद कलेक्टर के निर्देशों पर इस मामले की जांच की गई।
कलेक्टर के निर्देशों पर इस पूरी जांच में अशोक कुमार नागर को यह फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज की मान्यता दिलाने में जिले के कुछ चिकित्सक भी मिले हुए पाए गए। मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर के निर्देशों पर श्री साईंनाथ हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर मां जालपा बीएससी नर्सिंग कॉलेज के संचालक अशोक कुमार नागर और अन्य चिकित्सकों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में 200 बेड का फर्जी अस्पताल दिखाने और इस पूरे फर्जीवाड़े की कूटरचित रचना वाले श्री साईनाथ हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर एवं मां जालपा बीएससी नर्सिंग कॉलेज के संचालक अशोक कुमार नागर के खिलाफ भी मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं बाकि डॉक्टर्स, बीएमओ डॉ. आरके पुष्पद, डॉ. एनके वर्मा, डीएचओ डॉ एके सक्सेना और तत्कालीन सीएमएचओ डॉ केके श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। चारों डॉक्टर्स फरार हैं जिनकी तलाश जारी हैं।