रायपुर। राजधानी सहित प्रदेश के हर इलाके में प्रतिदिन 5 से 7 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो रही है, उस पर राजधानी के कोटा इलाके में संचालित एक निजी अस्पताल की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां पर कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति के शव को बगैर सुरक्षा इंतजाम के लिए भेज दिया गया था। निगम कर्मचारियों के विरोध और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को वापस बुलवाया, उसके बाद उसे पैक किया गया। तब जाकर शव का अंतिम संस्कार हो पाया।
निजी अस्पताल के इस कारनामे से परिजन करीब 10 घंटे तक परेशान होते रहे। शासन प्रशासन के हस्तक्षेप के बावजूद भी शव के अंतिम संस्कार में 10 घंटे से ज्यादा समय लग गया। रायपुर सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल, ने इसे निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही बताया है। उनका कहना है कि अस्पताल के इस रवैया से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। उनका यह भी कहना है कि अगर उन्हें शिकायत मिलती है तो वे मामले की जांच करवाएंगी।
10 घंटे बर्बाद कर 60 हजार भी वसूला
परिजनों ने निजी अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, आरोप के अनुसार मृतक को 15 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने बताया कि उन्हें दिल का दौरा आया है। करीब 8 घंटे इलाज के बाद व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया। इलाज के नाम पर उनसे लगभग 60 हजार रु वसूले गए। देर रात उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव बताई गई, अंतिम संस्कार के नाम पर उनसे रकम भी वसूली गई। लेकिन सुबह जब अंतिम संस्कार के लिए शव भेजा गया तो कंबल में लपेट कर भेज दिया गया। उनकी इस लापरवाही के कारण अंतिम संस्कार में करीब 10 घंटे की देरी हुई।