नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप का अधिकार फंतासी स्पोर्ट्स मंच ‘ड्रीम11’ को दिया गया है। 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच यूएई में खेले जाने वाले आईपीएल 2020 के प्रायोजक के लिए बीसीसीआई ने इसमें रुचि लेने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया था। एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा कि आईपीएल 2020 टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकार फंतासी स्पोर्ट्स मंच ‘ड्रीम11’ को 222 करोड़ रुपये में दिए गए हैं। पता चला है टाटा समूह ने अंतिम बोली नहीं लगाई जबकि दो शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियां बायजूस (201 करोड) और ‘अनअकैडमी’ (170 करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहें।
बीसीसीआई और वीवो ने भारत और चीन की सीमा पर हुई सैनिकों की भिड़ंत के कारण चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने की बातों के चलते 2020 आईपीएल के लिए अपनी भागीदारी निलंबित करने का फैसला किया था। इसके बाद बहुराष्ट्रीय कंपनी टाटा ग्रुप, शिक्षा प्रौद्यौगिकी कंपनी ‘अनअकैडमी’ और फंतासी स्पोर्ट्स मंच ‘ड्रीम11’ ने चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो की जगह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने के मद्देनजर औपचारिक रूप से रुचि जताने संबंधित दस्तावेज (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) यानी ईओआई सौंपे थे।
Dream11 wins IPL 2020 title sponsorship for Rs 222 crores: IPL Chairman Brijesh Patel
— ANI (@ANI) August 18, 2020
खबरें यह भी थीं कि योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि भी इस बोली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्रायोजक के लिए बोली लगाएगी, लेकिन शनिवार को हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में रामदेव ने इस बात का खंडन किया था कि उन्हें आईपीएल के प्रायोजक के लिए बोली लगाई है। उन्होंने कहा, ”इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पतंजलि तभी सामने आएगी जब कोई भी अन्य भारतीय कंपनी प्रायोजन के लिए तैयार नहीं होगी। अभी वित्तीय स्तर पर कोई कागजी कार्रवाई नहीं हुई है।”
टाइटल प्रायोजन आईपीएल के व्यवसायिक राजस्व का अहम हिस्सा है, जिसका आधा भाग सभी आठों फ्रेंचाइजी में बराबर बराबर बांटा जाता है। वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिए 2190 करोड़ रुपये में (प्रत्येक वर्ष 440 करोड़ रुपए) आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किए थे। अगले साल वीवो मुख्य प्रायोजक के रूप में लौट सकती है।