मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। हालांकि, इससे पहले बिहार सरकार की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने सीबीआई को जांच सौंप दी थी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई ने केंद्र से अधिसूचना मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया है और जांच अपने हाथ में ले ली है। मामले की जांच करने के लिए 6 अगस्त को सीबीआई की विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम को गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर मनोज शशिधर लीड करेंगे। शशिधर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है।
इस टीम में शशिधर के अलावा गगनदीप गंभीर, नुपुर प्रसाद और अनिल यादव भी हैं। चार सदस्यीय टीम में 2 महिला अफसर हैं, ताकि केस में महिला आरोपियों से पूछताछ के दौरान कोई दिक्कत ना हो।
आईपीएस मनोज शशिधर की पहचान इमानदार और निडर अधिकारी की है… जाने कौन हैं …
आईपीएस अधिकारी मनोज शशिधर का इमेज एक तेज तर्रार, निडर और इमानदार अधिकारी की है। आईपीएस मनोज शशिधर गुजरात कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी है। जनवरी 2020 में ही उन्हें सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर पद पर नियुक्त किया गया । मनोज शशिधर की इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति को मंजूरी स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ने की थी।
CBI से पहले मनोज शशिधर गुजरात में स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में एडिशनल DG थे। इसके अलावा, वडोदरा के पुलिस कमिश्नर, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में DCP और अहमदाबाद में जॉइंट पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं। इसके साथ ही गुजरात के पांच जिलों में वह SP के रूप में सेवा दे चुके हैं।
खास बात ये है कि शशिधर अभी तक किसी केस में नाकाम साबित नहीं हुए हैं। इससे पहले वे विजय माल्या केस की निगरानी कर चुके हैं। उन्हें सीबीआई में नो नॉनसेंस अफसर के तौर पर माना जाता है। वे हाई रिस्क और टेंशन के माहौल में काम करने के आदि हैं। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तो मनोज शशिधर ने लंबे समय तक उनके साथ काम किया था। विशेषकर क्राइम और इंटेलिजेंस में शशिधर को खासी महारत हासिल है। कानून व्यवस्था के मामले में उनकी छवि दिलेर अफसर वाली रही है। कई ऐसे मामले रहे हैं, जिनमें उन्होंने त्वरित गति से निर्णय लेकर मामले को बिगड़ने से रोक दिया।