आगरा। एक्शन फिल्मों में आपने बस और प्लेन हाईजैक होते तो बहुत देखे होंगे , जहाँ झुण्ड में नकाबपोश टैरेरिस्ट आते हैं और बंदूक की नोक पर लोगों को बंधक बना कर बस या प्लेन हाईजैक कर लेते हैं, पर क्या आपने कभी देखा है की कोई फाइनेंसकर्मी टाइम पर किश्त न चूका पाने पर बस ही हाईजैक कर लें?
जी हाँ ये हैरतंगेज वाक्या है उत्तरप्रदेश के आगरा का।
दरअसल मंगलवार की रात यूपी 75 एम 3516 नंबर की बस गुरुग्राम से मध्य प्रदेश जा रही थी, तभी कुछ लोगों ने बस को ओवरटेक करके रास्ते में रोक लिया और खुद को फाइनेंसकर्मी बताते हुए बस में सवार हो गए और बस में सवार यात्रियों का किराया भी वापस कराया। फिर हाईवे पर चालक को उतारकर बस को सवारियों समेत ले गए। तड़के चालक ने मलपुरा थाने में जाकर सूचना दी, बस में 34 लोग सवार थे।
अब समस्या ये हो गयी की बस के मालिक की मंगलवार को मृत्यु हो गयी , और चूँकि मृत्यु कोरोना से हुई थी , तो अब पुलिस वाले बस के फाइनेंस की खबर की पुष्टि घरवालों से करें भी तो कैसे। गंभीर घटनाक्रम को देखते हुए प्रदेश सरकार में अपर मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने इस घटना के बारे में सुबह करीब 10.30 बजे बयान जारी किया, कि इस बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने अवैध तरीके से कब्जे में लिया है।
ये थी असलियत –
आगरा के एसएसपी बबलू कुमार ने अब इस बात की पुष्टि की है की गाड़ी फ़ाइनेंस कंपनी वाले ही ले गए। उन्होने बताया की फाइनेंसकर्मियों ने ड्राइवर-कंडक्टर को पैसा देकर छोड़ दिया और कहा कि सवारियों को वो गंतव्य तक छोड़ देंगे। दरअसल बस मालिक ने किश्त का भुगतान नहीं किया था जिसके चलते फाइनेंस कम्पनी को ये गैरकानूनी कदम उठाना पड़ा। चूँकि बस मालिक का कल देहांत हुआ था और मालिक का पुत्र अपने पिता के अंतिम संस्कार में लगा हुआ था तो फाइनेंस कंपनी ने यही मौका देखते हुए बस को बीच रास्ते में रोककर सीज कर लिया। पुलिस के मुताबिक बस का स्टाफ और सभी यात्री सुरक्षित हैं।