रायपुर। प्रदेश में संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस वर्ष प्रवेश की प्रक्रिया का आधार प्री परीक्षा होने के बजाय मेरिट होगा, जिसकी रैंक तय कर छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। लेकिन प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने से पहले तकनीकी विश्वविद्यालय एफिलिएशन (संबद्धता) लिस्ट जारी करेगा। जिसमें विवि जानकारी देगा कि इस बार कितने इंजीनियरिंग कॉलेजों को संबद्धता दी गई। कितनी सीटों पर प्रवेश होगा। ज्ञात होकि अभी तक लिस्ट जारी नहीं हुई है, जिससे इंजीनियरिंग के प्रवेश की राह देख रहे छात्रों को इंतजार करना होगा। वहीं शिक्षाविदों ने बताया कि तकनीकी कोर्स से जुड़े राज्य के विभिन्ना संस्थान जहां इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, फार्मेसी समेत अन्य की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजों को हर साल तकनीकी विवि भिलाई से संबद्धता मिलती है। इसके आधार पर ही इन संस्थानों की सीटें तय होती है। फिर तकनीकी शिक्षा संचालनालय के माध्यम प्रवेश होता है।
तकनीकी विवि से जुड़े अफसरों ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से तकनीकी दिक्कतें आयी है। कॉलेजों ने भी देर से आवेदन जमा किया। जिससे लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। गौरतलब है कि संबद्धता सूची जारी होने के बाद इंजीनियरिंग समेत अन्य तकनीकी कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होगी।
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इंजीनियरिंग की सीटें घट सकती हैं
राज्य में पिछले साल 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब साढ़े 15 हजार सीटें थी। इसमें से 33 निजी कॉलेज हैं। इस बार कुछ सीटें कम हो सकती है। वह इसलिए क्योंकि कुछ इंजीनियरिंग संस्थानों ने तकनीकी विवि को क्लोजर रिपोर्ट दी है। सूत्रों के मुताबिक कुछ इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने की हालात में है। राज्य में तीन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। रायपुर, बिलासपुर व जगलदपुर। इन संस्थानों में प्रवेश के लिए हर साल मारामारी रहती है। यहां 852 सीटें हैं। इस बार भी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज ही छात्रों की पहली पसंद है।
इंजीनियरिंग की सीटें खाली
इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें पिछले कुछ सालों में खाली-खाली रहीं। मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश होगा। इससे बीई व बीटेक में प्रवेश के लिए न्यूनतम अर्हता कक्षा बारहवीं है, इसलिए बारहवीं में मिले नंबरों से मेरिट तैयार होगी, इसलिए बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। पिछली बार प्री इंजीनियरिंग टेस्ट के लिए व्यापमं 25 हजार आवेदन मिले थे।