दाऊद इब्राहिम पर 27 साल से जारी ना-नुकुर के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार अपने मुल्क में उसकी मौजूदगी की बात कबूल कर ली है। पाकिस्तान ने शनिवार को 88 आतंकियों की लिस्ट जारी की। इसमें 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम का भी नाम है। बड़ी बात यह कि इस लिस्ट में दाऊद के नाम के साथ यह भी बताया गया है कि वह 14 पासपोर्ट रखता है और कराची में उसके तीन घर हैं।
दाऊद 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद पाकिस्तान भाग गया था। इन धमाकों में 257 की जान चली गई थी और 1400 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। इसके बाद दाऊद के पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में होने की खबरें आती रहीं, लेकिन पाक ने उसकी मौजूदगी के बारे में खुलकर कभी नहीं कबूला।
इन कारणों से सामने आई स्वीकारोक्ति
1 – पाकिस्तान के सामने दिक्कत यह है कि आतंकियों से निपटने के मामले में अपने खराब रिकॉर्ड के कारण वह 2018 से इस टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में होना यानी दुनियाभर से आर्थिक मदद मिलने में परेशानी। पाकिस्तान को उम्मीद है कि आतंकियों के नाम बताकर अगर वह उनके खिलाफ कदम उठाता है तो वह ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 27 पॉइंट का डिमांड लेटर दिया था। सितंबर तक यह सभी शर्तें पूरी की जानी हैं। अगर पाकिस्तान ने शर्तें नहीं मानीं, तो वह ब्लैक लिस्ट हो सकता है।
2 – पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है। सऊदी अरब ने उसे कर्ज और ऑयल देने से साफ इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं, सऊदी सरकार ने पाकिस्तान से साफ कह दिया है कि उसे इस साल के अंत तक 6.2 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना होगा।