नई दिल्ली। इधर सीडब्लूसी की बैठक आज हुई है, जिसमें करीब 53 कद्दावर और सीनियर लीडर शामिल हुए। उधर राहुल गांधी ने पहले तो सोनिया को लिखे गए चिट्ठी को लेकर नाराजगी जताई, जिसमें पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर बात लिखी गई है। राहुल की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उनकी मां सोनिया गांधी जब अस्पताल में थी, तभी इस तरह की चिट्ठियां क्यों लिखी गई।
इसके बाद राहुल गांधी ने चिट्ठी को लेकर एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया। राहुल ने उन सभी 23 नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कह दिया कि सभी भाजपा से मिले हुए हैं। राहुल के इस आरोप के बाद अब कांग्रेस में एक नया विवाद नजर आने लगा है। राहुल के इस बयान के बाद वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए नाराजगी जताई है। सिब्बल का कहना है कि वर्षों से वे कांग्रेस को अपना परिवार मानकर काम कर रहे हैं, ऐसे में उन पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप आखिर कहां तक सही है, इस बात को राहुल स्पष्ट करें। सिब्बल की इस बात पर गुलाम नबी आजाद ने भी सहमति व्यक्त की है।
दूसरी तरफ पार्टी आलाकमान के साथ ही राहुल प्रशंसकों ने अब इस बात पर जोर देना शुरू कर दिया है कि यदि सोनिया गांधी पद छोड़ना चाहती हैं, तो राहुल को एक बार फिर पार्टी की कमान सौंपी जानी चाहिए।
बहरहाल सोनिया के नाम लिखी गई चिट्ठी और उस पर आई राहुल की प्रतिक्रिया के बाद कांगे्रस में घमासान का दौर शुरू हो गया है, जो कब थमेगा, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता।