रायपुर। प्रदेश में गहराए कोरोना संक्रमण के बीच कल से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। पहला दिन श्रद्धांजलि सभा के साथ दूसरे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा, इसके बाद शेष बचे तीन दिनों में घमासान के पूरे आसार अभी से नजर आ रहे हैं। कमजोर विपक्ष के बावजूद तीन दिनों के सत्र के दौरान भाजपा, सरकार को घेरने की रणनीति के तहत विधानसभा में दाखिल होने का मन बनाए बैठी है।
सत्तापक्ष भी विपक्ष के प्रहार से बचने के साथ ही बीते 15 साल की गुस्ताखियों को गिनाने के आमादा है। बीते 18 महीनों की सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में जो फैसले लिए हैं, जिसमें किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना सहित कोरोना काल के दौरान की गई आपात सुविधाओं की बातें शामिल है।
मानसून सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बयान दिया है, जिसमें उनका कहना है कि प्रदेश में सरकार ने 18 महीनों के कार्यकाल में जो निर्णय लिए हैं, उसे लेकर सदन में सवाल किया जाएगा।
वहीं सदन में सुरक्षा इंतजामात की बात की जाए तो मुख्य द्वार से लेकर विधायकों की सीट तक पूरी व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया गया है। इस बार विधायकों के अलावा किसी अन्य के प्रवेश को पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। वहीं पुलिस जवानों को पूरे चार दिन तक सदन के भीतर ही रहना होगा, उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी।