नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी ठहराए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की सजा का आज ऐलान हो सकता है। कोर्ट ने 20 अगस्त को भूषण की सजा पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अवमानना में छह महीने तक की जेल का प्रावधान है। कोर्ट जेल के बजाए जुर्माना या कोई और सांकेतिक सजा भी दे सकता है। इससे पहले कोर्ट ने भूषण को बिना शर्त माफी मांगने के लिए 24 अगस्त तक का समय दिया था, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इन्कार कर दिया।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पूरक बयान में प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर वह माफी मांगते हैं तो ऐसा करना उनकी नजर में उनकी अंतरात्मा और इस संस्था की अवमानना होगी। सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे व पूर्व चार प्रधान न्यायाधीशों के बारे में दो ट्वीट करने के लिए न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया गया है।
भूषण ने कहा कि कोर्ट ऑफिसर होने के चलते यह उनका कर्तव्य है कि जब कभी उन्हें लगे कि यह कोर्ट अपनी शानदार परंपरा से भटक रहा है तो वह बोलें। इसीलिए उन्होंने कोर्ट या किसी प्रधान न्यायाधीश की अवमानना के इरादे से नहीं बल्कि सद्भावना से सकारात्मक आलोचना की थी। ऐसे में माफी मांगना ठीक नहीं होगा।
भूषण ने कहा कि कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि जब उनकी ओर से की गई गलती या गलत काम के लिए माफी मांगने की स्थिति आयी हो। उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्होंने इस संस्था की सेवा की और बहुत से जनहित के मुद्दे इसके सामने लाए। उन्हें यह अहसास है कि उन्हें इस संस्था को जो देने का अवसर मिला उससे अधिक इस संस्था से उन्हें प्राप्त हुआ है। वह सुप्रीम कोर्ट का बहुत सम्मान करते हैं।