रायपुर। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज सदन में हाथियों की मौत का मामला गूंजा. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से हाथियों की मौत का मुद्दा उठाया. हाथियों की मौत के कारण को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने जमकर निशाना साधा. बृजमोहन अग्रवाल ने वन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया. वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने बृजमोहन अग्रवाल के आरोपों को नकारते हुए कहा कि लापरवाही की वजह से हाथियों की मौत हुई, कहना सही नहीं. मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 3 महीने में 10 हाथियों की मौत हुई है. इस इसे लेकर हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. अगर हाथियों की मौत हुई तो समझा जा सकता है कि वनों की क्या स्थिति होगी. बाकी जानवरों की क्या स्थिति होगी? क्या कोई इंटरनेशनल माफिया छत्तीसगढ़ में सक्रिय है? बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कोई ना कोई गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय है. कुछ सीमित क्षेत्रों में ही हाथियों की मौत क्यों हो रही है?
मुझे और छत्तीसगढ़ के लोगों को संदेह है कि कोई इंटरनेशनल गिरोह छत्तीसगढ़ में काम कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाथियों के अंगों की कीमत बहुत अधिक होती है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा एक हाथी की मौत अधिक उम्र होने की वजह से हुई. वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने छत्तीसगढ़ में किसी गिरोह के सक्रिय होने की बात को नकारा. हाथियों के लिए सबसे आवश्यक पानी की उपलब्धता होती है. इसके लिए सरकार ने पर्याप्त इंतजाम किए हैं.
हाथियों की मौत के मामले में आसंदी से निर्देश दिए गए. स्पीकर डॉ चरणदास महंत ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हाथियों का आना लंबे समय से चल रहा है. प्रदेश के कई क्षेत्र हाथियों के प्रजनन के लिए बेहद उपयुक्त हैं. सरकार लेमरू एलिफेंट रिजर्व को जल्द पूरा करने पर विचार करे. हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर विचार करे.