नयी दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कांग्रेस समर्थित सरकारों के मुख्यमंत्री और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक बुलाई. जीएसटी और नीट-जेईई एग्जाम पर ये मीटिंग हो रही है. मीटिंग में इस बात पर आम सहमति बनी है कि नीट-जेईई एग्जाम कराने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. हालांकि, जिस वक्त यह सहमति बनी तब तक उद्धव ठाकरे अपना बयान देकर मीटिंग से बाहर जा चुके थे, ऐसे में उनकी औपचारिक सहमति का इंतजार है. हालांकि, महाराष्ट्र सरकार पहले से ही एग्जाम के विरोध में है.
इससे पहले बैठक में सबसे पहले सोनिया गांधी ने जीएसटी का मुद्दा उठाया. उनके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि नीट-जेईई का एग्जाम होना फिलहाल सुरक्षित नहीं है, ऐसे में जब केंद्र सरकार कोशिश नहीं कर रही है तो सभी राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट से एग्जाम टालने की मांग करनी चाहिए. मीटिंग में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने एक संदर्भ में कहा कि पहले हमें तय करना चाहिए कि लड़ना है या डरना है. वहीं, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बांटने का आरोप लगाते हुए आह्वान किया कि हम सबको मिलकर रहना चाहिए, नहीं तो देश में कोई और पार्टी रहेगी ही नहीं.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमें GST का बकाया पैसा 2300 करोड़ केंद्र सरकार ने नही दिया है। पिछले 4 महीने से हमें कोई पैसा नही मिला। कल GST कॉउन्सिल की बैठक है लेकिन अभी तक एजेंडा नही बताया गया.
बुधवार को हुई इस बैठक में सबसे पहले सोनिया गांधी ने जीएसटी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को जीएसटी का भुगतान समय पर किया जाना चाहिए. सोनिया गांधी ने कहा कि जीएसटी का पैसा एक बड़ा मुद्दा है, और भुगतान न होने से राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित हो रही है. बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया.