नयी दिल्ली। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं. गैर-भाजपा शासित राज्य, माल एवं सेवा कर (GST) लागू करने के कारण राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिये केंद्र पर वादे के अनुसार क्षतिपूर्ति देने को लेकर दबाव बनाने के लिए पूरी तरह से एकजुट हैं. सूत्रों के अनुसार जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये होगी.
बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें बाजार से कर्ज, सेस की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाली वस्तुओं की संख्या में वृद्धि शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने की संभावना है. कोविड-19 संकट ने राज्यों की वित्तीय समस्याएं बढ़ा दी हैं.
बैठक में टूव्हीलर्स पर जीएसटी घटाने पर भी चर्चा हो सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक बैठक में कहा था कि टूव्हीलर न तो विलासिता का सामान है और न ही यह अहितकर सामान की श्रेणी में आता है. इसलिये इस पर माल एवं सेवाकर (GST) दर में संशोधन का मामला बनता है और इस पर जीएसटी परिषद की बैठक में गौर किया जायेगा. दुपहिया वाहनों पर वर्तमान में 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है.
पुरानी गोल्ड ज्वैलरी या गोल्ड की बिक्री से होने वाली आय पर 3 फीसदी जीएसटी देना पड़ सकता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है. हाल ही में राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन गई है.