दिल्ली। रेलवे के दफ्तरों में अब कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी। सिर्फ 50 फीसद कर्मचारियों के कार्यालय में उपस्थिति की अनिवार्यता खत्म हो गई है। अधिकारी जरूरत के अनुसार उन्हें काम पर बुला सकते हैं जिससे कि जरूरी कामकाज पर असर नहीं पड़े। इस दौरान कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एहतियात के सभी कदम उठाए जाएंगे।
लॉकडाउन के समय अधिकतर रेलवे कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या नहीं के बराबर रहती थी। अधिकारी भी नियमित नहीं आते थे, लेकिन अनलॉक शुरू होने से पहले ही सभी अधिकारियों की कार्यालय में उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई थी। शुरू में 33 फीसद कर्मचारियों को बुलाया जाता था। अनलॉक में कार्यालय आने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 50 फीसद कर दी गई। कंटेनमेंट (सील) जोन में रहने वाले, बीमार व ज्यादा उम्र वालों को छोड़कर अन्य को बारी-बारी से बुलाया जा रहा है।
अभी भी यह नियम लागू रहेगा और जूनियर ग्रेड और उससे ऊपर के सभी अधिकारी आते रहेंगे। इससे नीचे के अधिकारी व कर्मचारी रोस्टर के हिसाब से एक दिन छोड़कर कार्यालय आएंगे। लेकिन, यह नियम कार्यालय की आवश्यकता पर निर्भर करेगा। यदि अधिकारी को लगता है कि किसी कर्मचारी को बुलाना जरूरी है तो वह उसे बुला सकता है।
कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए कार्य स्थल पर शारीरिक दूरी, स्वच्छता आदि का सख्ती से पालन किया जाएगा। सभी अधिकारियों को सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश को सख्ती से पालन कराने को कहा गया है।