रायपुर। राज्य सरकार ने राज्य में बसों के संचालन के साथ अंतर्राज्यीय बसों को भी हरी झंडी दे दी है, लेकिन प्रदेश के बस संचालकों का कहना है कि जब तक आठ सूत्रीय मांग पूरी नहीं होगी तब तक वह अंतर्राज्यीय बसों को प्रदेश की सीमा में प्रवेश नहीं करने देंगे। बस संचालक राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए जल्द ही उग्र प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदर्शन के बाद भी मांगें नहीं मानी जाएंगी तो परिवहन मंत्री या आरटीओ कार्यालय में ले जाकर बसें खड़ी कर देंगे। वहीं परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो शासन ने कोरोना की वजह से बसों का पांच माह का टैक्स माफ कर दिया है।
ALSO READ – मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा – किसानों के खाते में 500 रूपये डालकर नहीं किया एहसान
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ से झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के लिए बसें चल रहीं थीं। कोरोना की वजह से प्रदेश में राज्यीय-अंतर्राज्यीय बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। अनलॉक होने पर इन्हें चलाने की अनुमति दे दी गई, ताकि यात्रियों को आवागमन में आसानी हो। लेकिन बस संचालक बसें न चलाकर अपनी मांगों पर अड़े हैं। बसे नहीं चलने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है, उनकी जेब पर भी असर पड़ रहा है।
ALSO READ – BIG NEWS : भारी बारिश बनी आफत, मकान गिरने से 9 साल के बच्चे की मौत, माँ की हालत गंभीर
ये हैं मांगें
– सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक टैक्स में छूट दी जाए।
– डीजल के मूल्य में भारी वृद्धि हो गई है। इस कारण यात्री किराया 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए।
– डीजल के वैट टैक्स में 50 प्रतिशत तक कटौती की जाए।
– एकल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्ववत सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार का संचालन रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर एवं सरगुजा में किया जाए, ताकि बस संचालकों को छोटे-छोटे काम के लिए रायपुर आना न पड़े।
-परमिट नवीनीकरण के बाद प्रति हस्ताक्षर न होने की स्थिति में परमिट वैध न होने के कारण कर न लिया जाए।
– ह्वील बेस के आधार पर बसों से पंजीयन के नियम को समाप्त कर बसों का भौतिक सत्यापन कर उपलब्ध सीटों एवं शयनयान के आधार पर पंजीयन का नियम बनाया जाए।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के उपाध्यक्ष सैय्यद अनवर ने कहा-
अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा, उसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाएंगी तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।