राजनांदगांव। नगर निगम राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनकी बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। कोरोना संक्रमित कांग्रेस जिला अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा के संपर्क में आने के बावजूद वह होम आइसोलेट नहीं हुई और इस दौरान वह सैकड़ों राजनांदगांव वासियों के संपर्क में आई, इनमें बच्चे भी शामिल है।
आइसोलेट होने की दी गई थी सलाह –
जिला अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा से जब हमने पूछा कि जब आप कोरोना संक्रमित पाए गए तो आप ने इसकी सूचना महापौर को दी थी कि नहीं ? इस पर कुलबीर ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव आये तो अपने सभी संपर्क में आने वाले लोगों को सूचना दी और होम आइसोलेट होने की सलाह दी। इसमें महापौर हेमा देशमुख भी शामिल है।
तीन घन्टे तक कुलबीर के संपर्क में थी हेमा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर 20 अगस्त को आयोजित कांग्रेस भवन के शिलान्यास कार्यक्रम जिला अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा के साथ महापौर हेमा देशमुख पूजा करती रही। बताया जा रहा है वह तीन घंटे कार्यक्रम कुलबीर के साथ थी। इसके बावजूद कुलबीर के साथ मंच साझा करने वाली हेमा देशमुख होम आइसोलेट नहीं है। 23 तारीख के बाद अनेकों कार्यक्रम में शामिल हुई महापौर।
23 अगस्त को कोरोना संक्रमित पाए गए थे कुलबीर छाबड़ा
कुलबीर छाबड़ा, जिला ग्रामीण अध्यक्ष पदम कोठोरी , ग्रामीण प्रवक्ता रुपेश दुबे 23 अगस्त को कोरोना संक्रमित पाए गए, इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया और अनेकों माध्यम से महापौर और अपने संपर्क में आये लोगों से साझा की, लेकिन हेमा देशमुख इसके बावजूद अनेकों कार्यक्रम में शामिल हुई, लोगों से संपर्क में आई, एक तस्वीर में वह बच्चों की भीड़ में नजर आ रही हैं।
प्रशासन पर उठ रहा सवाल
इस बड़ी लापरवाही के बाद अब जिला प्रशासन पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है, सत्ताधारी पार्टी की मेयर होने के कारण महापौर हेमा देशमुख पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि उनके जगह अगर कोई आम आदमी कोविड 19 के लिए जारी गाइडलाइन का उलघंन करते पाए जाता तो उस पर FIR दर्ज कर कार्रवाई हो जाती।