सरगुजा। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के वनांचल ग्राम परोगिया में कीटनाशक का सेवन करने वाली महिला को अस्पताल तक लाने के लिए परिजनों को उसे खाट में ढोकर दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। जरहाडांड रोड तक खाट से महिला को लाने के बाद उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक लाने एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। मुश्किल से अस्पताल पहुंची महिला को जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
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दूरस्थ वनांचल ग्राम परोगिया में दिलकुंवर अगरिया पति रतिराम अगरिया (35) ने गुरूवार को जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। पति रतिराम शाम लगभग छह बजे जब घर लौटा तो पत्नी अचेतावस्था में पड़ी हुई थी। उसके नाक और मुह से झाग निकल रहा था। घटना की सूचना पर गांव के एक पंच ने 108 एंबुलेंस को फोन कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। बारिश के सीजन में परोगिया तक एंबुलेंस का पहुंच पाना संभव नहीं था। संवेदनशील प्रकरण होने के कारण 108 संजीवनी एक्सप्रेस के ईएमटी कृष्णा श्रीवास ने फोन करने वाले पंच को समझाइश दी कि मरीज को जरहाडांड तक ले आएं ताकि वहां से महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जा सके। मरीज के परिजनों ने जंगल के रास्ते महिला को खाट में ढोकर रात के अंधेरे में दो किलोमीटर का सफर पैदल तय किया। जरहाडांड रोड पर पहले से ही 108 एंबुलेंस खड़ी थी। जब महिला को वहां लाया गया तो उसके नाक और मुह से सफेद झाग निकलता देख ईएमटी कृष्णा श्रीवास ने प्राथमिक उपचार और झाग को साफ कर पॉयलट राजू प्रसाद की मदद से उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया। उस वक्त रात के साढ़े नौ बज रहे थे। दूरस्थ वनांचल गांव से कठिन परिस्थितियों का सामना कर अस्पताल पहुंची महिला के उपचार में चिकित्सक लग पाते, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
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बीस मिनट पहले पहुंच गई थी एंबुलेंस
उदयपुर 108 संजीवनी एक्सप्रेस के ईएमटी व पॉयलट ने सूचना मिलते ही संवेदनशीलता दिखाई और जरहाडांड रोड तक तत्काल पहुंच गए थे। चूंकि गांव तक एंबुलेंस नहीं जा सकती थी और पहले ही महिला के परिजनों से बातचीत हो चुकी थी इसलिए वहीं पर मरीज के आने का इंतजार शुरू किया गया। बीस मिनट तक एंबुलेंस वहीं खड़ी रही। जैसे ही महिला को लेकर परिजन पहुंचे तत्काल उसे अस्पताल ले आया गया था।