नई दिल्ली। कोरोना के इस सकंट में केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड बहुत मददगार साबित हो रहा है। साथ ही, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार और कृषि वृद्धि में तेजी लाने में मदद मिल रही है। देश में इस समय 7 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड धारको के लिए यह बहुत ही जरूरी खबर है। बैंक से लिए गए कृषि कर्ज को वापस करने की तारीख का ध्यान रखें, वरना यह गलती आपकी जेब पर भारी पड़ेगी। अगर आपने समय पर कर्ज़ भुगतान नहीं किया तो 4 की जगह 7 फीसदी ब्याज देना पड़ेगा। खेती-किसानी के लोन पर सरकार ने 31 अगस्त तक ही पैसा जमा करने की मोहलत दी है। इसके अंदर पैसा जमा करने पर किसानोंं को 4 परसेंट ब्याज लगेगा जबकि बाद में 7 फीसदी की दर पर वापस होगा। केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 17 अगस्त 2020 तक 1.22 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी हो चुके है। इनकी कर्ज सीमा 1,02,065 करोड़ रुपये है।
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केसीसी को लेकर सरकार ने किया ये ऐलान-
अब केसीसी के तहत किसानों को खेती के लिए बिना गारंटी के ही 1.60 लाख रुपए का लोन देने के आदेश कर दिए गए हैं। पहले यह सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही हुआ करती थी। सरकार बिना गारंटी लोन इसलिए दे रही है ताकि अन्नदाता साहूकारों के चंगुल में न फंसे। आवेदन जमा करने के 15 दिन के अंदर बैंकों को केसीसी जारी करने का आदेश भी दिया गया है। कार्ड बनाने के लिए लगने वाले प्रोसेसिंग चार्ज को खत्म कर दिया गया है।
मोदी सरकार ने लॉकडाउन को देखते हुए इसे 31 मार्च से बढ़ाकर पहले 31 मई किया था। बाद में इसे और बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया। इसका मतलब यह है कि किसान केसीसी कार्ड के ब्याज को सिर्फ 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर 31 अगस्त तक भुगतान कर सकते हैं। बाद में यह तीन फीसदी महंगा पड़ेगा।
क्यों जरूरी है 31 अगस्त तक किसान क्रेडिट कार्ड का भुगतान करना–
केसीसी पर लिए गए लोन को आमतौर पर 31 मार्च तक वापस करना होता है। लेकिन, कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लागू हुए लॉकडाउन की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया थी। अब कर्ज़ भुगतान की आखिरी तारीख 31 अगस्त है। जो किसान चाहते हैं वो समय पर पैसा जमा करके ब्याज में छूट का लाभ उठा सकते हैं। दो-चार दिन बाद फिर से पैसा निकाल लीजिए। इस तरह बैंक में आपका रिकॉर्ड भी ठीक रहेगा और खेती-किसानी के लिए पैसे की कमी भी नहीं पड़ेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड पर कितना है ब्याज देना होता है-
खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है। लेकिन सरकार इसमें 2 फीसदी की सब्सिडी देती है। इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है। लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर जागरूक किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है। आमतौर पर बैंक किसानों को सूचित कर 31 मार्च तक कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं। अगर उस समय तक कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है।