भिलाई। शहर के हाईटेक हॉस्पिटल में जीवित व्यक्ति को मृत बताकर परिजनों को बॉडी सौंपने का मामला सामने आया है। परिजनों ने जब घर जाकर देखा तो बुजुर्ग न सिर्फ जीवित थे बल्कि उनकी सांसें और धड़कन भी चल रही थी। जिसके बाद हड़कंप मच गया। परिजनों ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों को जमकर खरी खोटी सुनाई।
दुर्ग में रहने वाले एक बुजुर्ग की तबीयत 7 सितंबर की रात में बिगड़ गई। भिलाई के एक निजी हॉस्पिटल में उसे दाखिल किया गया। यहां चिकित्सकों ने जांच करने बाद बताया कि ब्रेन हेमरेज हुआ है। तब से उनका उपचार इस हॉस्पिटल में किया जा रहा था। बुधवार की सुबह चिकित्सक ने कहा कि बुजुर्ग को ले जाओ, अब वे नहीं रहे। इस पर घर वाले परिवार के सदस्यों को फोन कर बुजुर्ग के शव को घर लेकर जाने की तैयारी में जुट गए।
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परिजनों ने नर्स से कहा सांस ले रहे
नर्स ने बुजुर्ग के नाक से ऑक्सीजन की नली को निकाल लिया, तब परिजनों ने देखा कि सांस का एहसास हो रहा है। परिजनों ने नर्स से कहा कि सांस ले रहे हैं क्या। नर्स ने कहा कि नहीं ऑक्सीजन का सपोर्ट था वही है। थोड़ी देर में शांत हो जाएंगे। परिजन बुजुर्ग को लेकर घर लौट गए।
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घर में देखा धड़क रहा था दिल
बुजुर्ग को घर लेकर जाने के बाद परिजनों ने देखा तो सीना धड़क रहा था। बुजुर्ग जिंदा थे। वे बुजुर्ग को तुरंत वापस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। हॉस्पिटल में प्रबंधन को खरीखोटी सुनाई। इस पर प्रबंधन ने अपनी भूल मान ली और बुजुर्ग को फिर हॉस्पिटल में दाखिल कर लिया। अब फिर से बुजुर्ग का उपचार उसी अस्पताल में किया जा रहा है।