बचेली। प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि होती जा रही है। कई अस्पतालों में मरीजों के लिए उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है। यदि किसी मरीज में संक्रमण का कम प्रभाव है तो उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है।
प्रदेश में कई जिलों के अस्पतालों की हालत खस्ताहाल है और प्रशासन गंभीरता से लेने की जगह निरंतर लापरवाही बरत रहा है। ऐसा ही एक मामला बचेली का सामने आया है जिसमें एक परिवार होम आईसोलेशन में रखनें के बाद पूरे परिवार को एक्सपायरी दवाईयां दी गई।
बड़ी लारवाही हुई उजागर
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बचेली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़ी लारवाही उजागर हुई है। नई गाइडलाइन के अनुसार एक परिवार के चार सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसे होम आईसोलेशन में रखा गया है। विभाग द्वारा जरूरी निर्देश के साथ कुछ दवाईयों की किट दी गई परिवार ने दवाईयां लेनी भी शुरू कर दी थी। जब दवाइयों के एक्सपायरी डेट को देखा गया तो इसमें 2 माह पहले ही खत्म हो गई। परिवार वालों ने कुछ दवाईयों का सेवन भी कर लिया।
डॉक्टर ने मानी गलती
गौरतलब है कि परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक है। लेकिन परिवार के ही एक सदस्य ने दैनिक नवप्रदेश के संवाददाता डीएम सोनी को सोशल नेटवर्क साईट वाट्सअप पर पूरी जानकारी दी। इसके बाद रिपोर्टर ने अस्पताल जाकर डॉक्टर के.के. चंद्रवंशी से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने इसे लापरवाही मानते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
जब रिपोर्टर ने परिवार और दवाईयों की जानकारी दी तो डाक्टर ने भी अपने गलती स्वाकारते हुए कहा कि गलती से एक्सपायरी डेट की दवाइयां दे दी गई है। इस पर खेद जताया और फिर से मरीजों को दवाईयों भेजने के लिए व्यवस्था की गई।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अनियममित्ता
खबर लगते ही जनप्रतिनिधि उस्मान खान, मनोज साहा, बीना साहू, रीना दुर्गा, जितेंद्र चौधरी, अप्पू कुंजाम अस्पताल पहुंचे एवं इस बड़ी लापरवाही के लिए डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई। आपको बता दे कि लंबे अरसे से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अनियमितता पाई जा रही है। फिर वो चाहे डॉक्टर की मौजूदगी को लेकर हो, लैब टेक्नीशियन की लेट लतीफी हो, या दवाइयों की कमी हो यही नही नई बिल्डिंग भी कुछ ही सालों में जर्जर होने लगी है।