मुंबई। हिंदी और दूसरी भाषाओं की फिल्म निर्माताओं की संस्था इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इम्पा) ने निर्माता और अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय में हुई तोड़फोड़ को गलत बताया है। इम्पा अध्यक्ष ने कहा है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की कार्यवाही अनुचित है और बीएमसी को इतना बड़ा कदम उठाने से पहले कम से कम कंगना को निजी रूप से एक नोटिस देना चाहिए था।
टीपी अग्रवाल ने गुरुवार को जारी अपने बयान में कहा है कि इस तरह की कार्यवाही न तो कंगना के लिए अच्छी है और न ही महाराष्ट्र सरकार के लिए। सरकार या बीएमसी की तरफ से की गई यह कार्यवाही एकदम गलत है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। अगर बीएमसी को कोई ऐसा कदम उठाना था तो उससे पहले कंगना को सूचित किया जाता। जब उनका जवाब मिल जाता, उसके बाद ही यह कदम उठाया जा सकता था। अगर कंगना के ऑफिस का निर्माण गलत हुआ है तो भी बीएमसी को एक प्रक्रिया के तहत काम करना चाहिए था जो कि नहीं हुआ है।
इम्पा ने सावधानी बरतते हुए कंगना की हर बात को समर्थन नहीं दिया है। संगठन का कहना है कि कंगना की कही कुछ बातें भी सही नहीं हैं। उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही हैं जो शायद उन्हें नहीं कहनी चाहिए थीं। उन्होंने इस फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे कलाकारों पर नशे का लती होने का इल्जाम लगाया। यह बिल्कुल सही नहीं है। इससे फिल्म इंडस्ट्री को मिलने वाले फंड पर रोक लगाई जा सकती है। यहां सिर्फ पांच से सात फीसदी लोग ही ऐसे होंगे जो नशेबाजी करते हैं। सब जानते हैं कि वंशवाद हर जगह होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दूसरे लोगों को काम करने का मौका नहीं मिलता।
बुधवार को कंगना के मुंबई स्थित दफ्तर में बीएमसी ने तोड़फोड़ की थी। बीएमसी की कार्यवाही पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है और की गई कार्यवाही पर बीएमसी से जवाब भी मांगा है।
इम्पा से पहले फिल्म इंडस्ट्री के कुछ ही कलाकार जैसे प्रसून जोशी और अनुपम खेर भी कंगना के समर्थन में आए हैं। फिल्म इंडस्ट्री में इस पूरे मामले को सियासी होने से बचाने की कोशिशें भी हो रही हैं लेकिन धीरे धीरे ये मामला फिल्म इंडस्ट्री के भीतरी-बाहरी से आगे निकलकर महाराष्ट्र में भीतरी-बाहरी की दशकों से चल रही लड़ाई में तब्दील होता नजर आ रहा है।