राजिम। जिला के ग्राम पिपरौद स्थित निजी स्कूल में आज स्कूल स्टाफ और पालकों ने जमकर हंगामा किया. स्कूल प्रबंधन के प्रति दोनों की अपनी-अपनी समस्याएं थीं. स्टाफ में स्कूल के सभी 12 टीचर्स और 10 बस चालक शामिल थे, जिनमें से टीचर्स का कहना था कि स्कूल के डायरेक्टर संजय उपाध्याय ने उनसे मार्च के महीने के दौरान कहा था , कि कोरोना के चलते उन्हें फिलहाल आधा वेतन दिया जाएगा और फिर स्कूल सत्र शुरू होने पर जैसे ही बच्चों की फीस आनी शुरू होगी, वे उन्हें पूरा वेतन देंगे .
टीचर्स का कहना है की डायरेक्टर की बातों पर भरोसा कर उन्होंने पूरी ईमानदारी से इतने महीनों तक काम किया . महामारी में लॉक डाउन के दौरान भी लगातार स्कूल आकर न केवल बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाते रहे बल्कि बच्चों की कापियां चेक करने के साथ-साथ पालकों की मीटिंग भी ली . यहां तक की गर्भवती टीचर को भी राज्य शासन द्वारा जारी आदेशानुसार मैटरनिटी लीव नहीं दिया गया. गर्भवती होने के बाद भी टीचर ने स्कूल आकर अपना काम किया है .
अब जब बच्चों की फीस आनी शुरू हो गई है तो डायरेक्टर अपने वादे से मुकरते हुए उन्हें आधा वेतन ही दे रहे हैं . टीचर्स ने जब डायरेक्टर से पूरा वेतन माँगा तो सभी टीचर्स को बिना किसी नोटिस के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया . टीचर्स ने बताया कि आधे वेतन से भी उनकी इपीएफ़ लगातार काटी गई, लेकिन उनके खाते में जमा नहीं की गई है . स्कूल के बस चालकों का कहना था कि आधे वेतन पर काम करने के बाद अब जब उन्होंने भी अपना पूरा वेतन माँगा तो डायरेक्टर ने उनकी हमेशा के लिए छुट्टी कर दी . डायरेक्टर इस कदर तानाशाह हो गए कि उन्होंने दीपक साहू नामक केयरटेकर को वेतन मांगने पर रात में ही स्कूल का कमरा खाली कर बाहर निकलवा दिया .
इधर पालकों का कहना था कि वे हाईकोर्ट के आदेशानुसार स्कूल को ट्यूशन फीस दे रहे हैं और आगे भी देंगे, लेकिन अब पता चल रहा है कि सभी टीचर्स को निकालकर कम योग्यता के नये टीचर्स की आननफानन भर्ती कर उनके माध्यम से बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं . पुराने टीचर्स अपनी जायज मांग रख रहे हैं, जिसमें टीचर्स के साथ-साथ बच्चों का भी हित जुड़ा है, ऐसे में स्कूल प्रबंधन इस पर गंभीरता से विचार करे . सुबह 11 बजे स्कूल में शुरू हुआ टीचर्स, बस चालकों और पालकों के संयुक्त हंगामे को पहले स्कूल की प्रिंसिपल द्वारा संभालने का प्रयास किया गया, लेकिन जब उनसे मामला नहीं संभला तो दोपहर को रायपुर से स्कूल के डायरेक्टर संजय उपाध्याय पहुंचे, उन्होंने सभी के साथ संयुक्त बैठक की . दोपहर 4:30 बजे उन्होंने किसी भी टीचर्स या बस चालक को इस सत्र में बाहर नहीं करने और अगले 15 दिन के भीतर सभी की मांगों पर ठोस निर्णय लेने का आश्वासन दिया, जिसके बाद सभी पक्ष शांत होकर लौट गए .
बताया गया कि स्कूल प्रबंधन, टीचर्स को निकालकर 10-12 उत्तीर्ण बेरोजगार लोगों को काम पर रख उनसे छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन क्लास ले रहा था . नाराज टीचर्स ने डायरेक्टर संजय उपाध्याय पर सीधे आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने उन लोगों से साफ़ तौर पर कहा कि अगर पूरा वेतन मांगोगे तो 4-5 हजार रूपए में कई बेरोजगार मिल रहे हैं, जिनसे ऑनलाइन पढाई करवा लेंगे, किसी को कुछ पता थोड़ी न चलेगा ?