रायपुर। राजधानी के मौदहापारा थाना इलाके के शहीद स्मारक कॉम्प्लेक्स स्थित शॉप में हुई 67 लाख की चोरी मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को धर दबोचा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपी बादल उर्फ (झनक), गोपाल और रमेश महानंद पहले से इस बड़ी चोरी की घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। पूरी घटना का मास्टर माइंड बादल था। आरोपी गोपाल के खिलाफ कोतवाली थाने में पहले से ही कई अपराध दर्ज हैं। हालांकि तीनों आरोपी को यह जानकारी नहीं कि कि पैसा किस दुकान में रखा हुआ है।
इसीलिए आरोपियों ने आसपास की दो दुकानों का भी ताला तोड़ा था। जहां एक दुकान से करीब 3 हजार और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान ले गए। दूसरे दुकान से 1500 रुपए चोरी की थी। जबकि तंबाखू गुटखा डिस्ट्रीब्यूटर पुनीत काबरा के हरिओम एजेंसी की शटर का सेंट्रल लॉक तोड़कर नगदी 67 लाख रुपए उड़ा ले गए।
वारदात के 12 घंटे बाद तक पुलिस की टीम चोरी मामले में पतासाजी करती रही। जिसमें एक आरोपी गोपाल पर पुलिस को शक था। आरोपी गोपाल की तलाश में निकली पुलिस टीम को कड़ी से कड़ी मिलती गई। तीनों आरोपी पहले मौदाहपारा इलाके में रहते थे। बाद में उस बस्ती को हटाकर सभी को कबीरनगर में बसाया गया था। सूत्र बताते हैं कि तीनों आरोपी रात करीब 1 से 2 बजे के बीच चोरी की घटना को अंजाम देकर सुबह 4 बजे के आस-पास बादल उर्फ (झनक) के चाय ठेले में 67 लाख रुपए का बंटवारा किये थे। तीनों आरोपी 20-20 लाख रुपए आपस में बांटे थे। एक ने सीढ़ी के नीचे 20 लाख छुपा दिया। दूसरे ने टूटे मकान में डाल दिया और तीसरे ने एक्टिवा की डिग्गी में छुपाया था।
जब पुलिस की टीम कबीरनगर इलाके में गोपाल का पता लगाने पहुँची। तब वहां टूटी पड़ी एक्टिवा की डिग्गी में उन्हें 7 लाख रुपए मिले थे। जिसके बाद गोपाल को ढूंढा गया, फिर धीरे-धीरे तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। पुलिस ने रात 1 बजे तक तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने अभी इस मामले का खुलासा नहीं किया है। शाम 5 बजे कोतवाली पुलिस प्रेस कांफ्रेंस कर चोरी खुलासा करेगी।
बता दें कि 10 सितंबर गुरुवार की रात आरोपियों ने इस चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। पीड़ित व्यापारी पुनीत काबरा पिछले 4 से 5 दिनों का कलेक्शन इकठ्ठा कर शॉप में रख गया था। दूसरे दिन आकर देखा, तो अलमारी से पैसा गायब था। तब इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।