नई दिल्ली। अक्सर छात्रों में परीक्षा को लेकर भय देखा जाता है। परीक्षा के समय में छात्रों के दिमाग में कई सारे विचार आते है ,छात्र काफी परेशान से हो जाते है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के JEE-NEET EXAM की तारीखों के ऐलान के बाद देशभर में लोगों में काफी नाराजगी देखी गई। एग्जाम का विरोध कर रहे छात्रों को विपक्ष के नेताओं का भी समर्थन मिला, लेकिन तमाम विरोधों के बीच NTA ने यह साफ कर दिया था कि परीक्षा की तारीखों में अब कोई बदलाव नहीं होगा। तय समय पर एग्जाम लिए जाएंगे।
नीट से पहले ही शनिवार को तमिलनाडु में 3 छात्रों ने खुदकुशी कर ली। धर्मपुरी, मदुरई और नमक्कल में एक लड़की और दो लड़कों ने खुदकुशी कर ली। इनकी उम्र 19 से 21 साल के बीच है। वहीं नमक्कल में मोतीलाल ने खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि वह पहले दो बार NEET दे चुका था।
इसके साथ ही मदुरई में सब इंस्पेक्टर की बेटी ज्योतिश्री दुर्गा ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बताया कि परिवार को उसके मेडिकल इंट्रेंस को लेकर बहुत उम्मीदें थीं, पर लड़की परीक्षा को लेकर डरी हुई थी। धर्मपुरी में खुदकुशी करने वाले आदित्य ने पिछले साल नीट दी थी, लेकिन वह क्लियर नहीं कर पाया था। तब से ही वह इस साल परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था।
कई छात्रों ने भी परीक्षा ना होने की कही बात
राजनीतिक दलों ने की परीक्षा खत्म करने की मांग
तमिलनाडु में खुदकुशी की घटनाओं के बाद एक बार फिर से नीट का विरोध शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर भी इसका विरोध किया गया। नीट में असफल होने पर तमिलनाडु में खुदकुशी का पहला मामला 2017 में सामने आया था। तब अरैयालुर में अनीता नाम की लड़की ने नीट क्लियर ना कर पाने पर खुदकुशी कर ली थी।
द्रमुक ने केंद्र की भाजपा सरकार की निंदा की है और होने जा रही परीक्षा का विरोध किया है।
DMK सांसद ने कहा –
नहीं हो NEET के एग्जाम,अभी तक 11 छात्रों ने इसकी वजह से की आत्महत्या
देश भर में 13 सितंबर यानी आज मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) शुरू हो चुकी है। ऐसे में DMK सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि अभी तक 11 छात्रों ने NEET एग्जाम की वजह से आत्महत्या की है। कल तमिलनाडु में 3 छात्रों ने सुसाइड किया। उनमें से एक छात्र का शव उसके माता-पिता ने ये कहकर ले जाने से मना कर दिया कि NEET एग्जाम को पहले कैंसल किया जाए।
उन्होंने कहा कि NEET दो वजहों से नहीं होना चाहिए। पहला जब देश में आपके पास यूनिफॉर्म (समान) शिक्षा प्रणाली नहीं है, आप कैसे यूनिफॉर्म एग्जाम करवा सकते हैं। दूसरा प्राइवेट कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चे खास तरह के टूल्स सीखते हैं वहीं ग्रामीण इलाकों से आने वाले गरीब बच्चे पीछे रह जाते हैं।
अभी तक 11 छात्रों ने NEET एग्जाम की वजह से आत्महत्या की है। कल तमिलनाडु में 3 छात्रों ने सुसाइड की। उनमें से एक छात्र का शव उसके माता-पिता ने ये कहकर ले जाने से मना कर दिया कि NEET एग्जाम को पहले कैंसल किया जाए : DMK सांसद तिरुचि शिवा pic.twitter.com/qxfRTVVpCl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 13, 2020