रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, मरीजों के ठीक होने के बाद वह घर बाद में पहुंच रहे हैं, उसके पहले ही प्लाज्मा ट्रांसफर कराने डॉक्टरों का प्रलोभन आने लगता है। प्लाज्मा ट्रांसफर को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का एक बड़ा बयान आया है कि इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की अनुमति नहीं है।
छत्तीसगढ़ में कोराेना के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के साथ ही लोगों में भय का माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं दिल्ली और कई शहरों में कोरोना के मरीजों के ब्लड प्लाज्मा के जरिए संक्रमित लोगों को ठीक करने का प्रयोग सफल पाया गया है। हालांकि आईसीएमआर ने प्लाज्मा थैरेपी की अनुमति नहीं दी है, पर छत्तीसगढ़ में निजी अस्पताल इसके जरिए इलाज करने के लिए मरीजों से मोटी रकम वसूल कर भी कर रहे हैं। नवा रायपुर स्थित वेदांता अस्पताल में प्लाज्मा ट्रांसफर किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसकी जानकारी आई है। छत्तीसगढ़ में प्लाज्मा ट्रांसफर से इलाज की अनुमति आईसीएमआर ने नहीं दी है, अत: इस पद्धति से इलाज डाॅक्टर अपने रिस्क पर कर रहे हैं। इसके इलाज में जरा सी चूक होने पर गंभीर परिणाम मरीज को भुगतने पड़ सकते हैं।
प्लाज्मा थैरेपी के लिए कोरोना से ठीक होने वाले मरीज को चुना जाता है। अगर किसी ऐसे व्यक्ति के ब्लड प्लाज्मा को किसी अन्य संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर कर इलाज किया जाता है। प्लाज्मा ट्रांसफर के लिए डोनर से सहमति लेना मेडिकल नियम के अनुसार जरूरी है। प्लाज्मा की इतनी मांग है कि संक्रमित मरीज ठीक होने से पहले ही संपर्क कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लाज्मा की मांग की पोस्ट से भरा हुआ है।