नई दिल्ली। बीसीसीआई ने आगामी आईपीएल के दौरान सट्टेबाजी और अन्य भ्रष्ट गतिविधियों को रोकने के लिए ब्रिटेन स्थित कंपनी स्पोर्टरडार के साथ करार किया है, जो अपनी धोखाधड़ी जांच प्रणाली (एफडीएस) के जरिए सेवाएं देगी।
आईपीलए का 13वां सत्र खाली स्टेडियमों में खेला जाएगा और ऐसे में अजित सिंह की अगुवाई वाली बीसीसीआई भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के सामने एक अलग तरह की चुनौती होगी क्योंकि कुछ राज्यस्तरीय लीग के दौरान सट्टेबाजी से जुड़ी धोखाधड़ी बढ़ी है और इस लुभावनी प्रतियोगिता के दौरान इसके बढ़ने की संभावना है।
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बीसीसीआई ने स्पोर्टरडार के साथ किया करार
आईपीएल के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘हां, बीसीसीआई ने इस साल के आईपीएल के लिए स्पोर्टरडार के साथ करार किया है। वे एसीयू के साथ मिलकर काम करेंगे और अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘स्पोर्टरडार ने हाल में गोवा फुटबाल लीग के आधा दर्जन मैचों को संदेह के घेरे में रखा था। वे फीफा, यूएफा और विश्व भर की विभिन्न लीग के साथ काम कर चुके हैं।’
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एफडीएस लगाएगी सट्टेबाजी से संबंधित हेराफेरी का पता
बीसीसीआई एसीयू ने हाल में तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) सहित राज्यस्तरीय टी-20 लीग के दौरान सट्टेबाजी के अलग तरह के नमूनों का पता लगाया था। अलग तरह के दांव लगाए जाने के कारण एक प्रमुख सट्टा कंपनी ने दांव लगवाना बंद कर दिया था। स्पोर्टरडार के अनुसार धोखाधड़ी जांच प्रणाली (एफडीएस) एक विशिष्ट सेवा है जो खेलों में सट्टेबाजी से संबंधित हेराफेरी का पता लगाती है। यह इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि एफडीएस के पास मैच फिक्सिंग के उद्देश्य से लगाए जाने वाली बोलियों को समझने के लिए उपयुक्त प्रणाली है।
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