रायपुर। छत्तीसगढ़ में छात्रो से जुडी कोई बात हो और वहाँ प्रदेश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित विश्विद्यालय पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का जिक्र न हो तो बात पूरी ही नहीं मानी जाती और जब बात छात्रहितो से जुडी हो तो रविवि प्रबंधन सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय होने के गुरुर के चलते छात्रहितो पर जब तक पतीला न लगा दे तब तक उसे चैन भी नहीं पड़ता,
मार्च 2020 से ही भारत कोरोना की मार झेल रहा है, हम जरुर अनलॉक की प्रक्रिया की और बढ़ चले है लेकिन अभी भी भारत में यह संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है प्रतिदिन 90000 से अधिक आ रहे केस इसबात की पुष्टि करते है, छत्तीसगढ़ के संदर्भ में हम यह बात करे तो हमारे राज्य में प्रतिदिन 3000 से अधिक केसेस सामने आ रहे है स्थिति कुछ इस प्रकार है की राज्य के कुछ जिलो में कलेक्टरों द्वारा स्थिति नियंत्रित करने हेतु लॉकडाउन किया गया है जो की सपष्ट तौर पर बताता है की वर्तमान स्थिति नाजुक है लेकिन इन सभी बातो बाद भी सरकार व प्रशासन लगातार मेहनत कर रहा है और बंद पड़ी हुई सभी गतिविधियों को पुनः शुरू करवाने हेतु प्रयासरत है और इसी कड़ी में छात्रो के भविष्य को देखते हुए फ़ाइनल इयर/सेमेस्टर की परिक्षाए कराई जा रही है.
अंतिम सेमेस्टर/इयर की परीक्षा हेतु लगभग सभी विश्वविद्यालयों ने नोटिफिकेशन जारी कर दिए है, शासन के निर्देश पर कोरोना से बचाव के लिए बहुत से बदलाव भी किये है, कुछ विश्वविद्यालयों में छात्र प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद छात्रो की परेशानिया समझते हुए ऑनलाइन उत्तरपुस्तिका वितरण और एकसाथ उत्तरपुस्तिका जमा करने की सुविधा के साथ ही उसी दिन 2घंटे के भीतर उत्तरपुस्तिका जमा करने की बाध्यता को हटाया गया है लेकिन हर बार की तरह छात्रो को प्रताड़ित कर अपना मनोरंजन करने वाला रक्तपिपासु रविवि प्रबंधन ने इस बार भी छात्रो को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है और NSUI तथा संसदीय सचिव विकास उपाध्याय के द्वारा रविवि प्रबंधन को छात्रो की परेशानियों से अवगत करवाने के बाद भी कुलपति के कानों में जूं नहीं रेंगी,
रविवि के तुगलगी फरमान के अनुसार कोरोना काल में भी छात्रो को उत्तरपुस्तिकाए लेने के लिए कालेज जाना पड़ेगा तथा परीक्षा खत्म होने के 2 घंटे के भीतर उत्तरपुस्तिका अपने परीक्षा केंद्र में जमा करना है या उत्तरपुस्तिका स्केन कर उसी दिन महाविद्यालय को सॉफ्टकॉपी मेल कर हार्डकॉपी स्पीडपोस्ट करना है जबकि अन्य विश्वविद्यालय उत्तरपुस्तिका के प्रथम दो पृष्ठ ऑनलाइन ही छात्रो को भेज रहे है और उत्तरपुस्तिका एकसाथ जमा करवाने की सुविधा के साथ बढ़ी हुई समयावधि भी दे रहे है ताकि छात्रो की भीड़ कालेजों में ना उमड़े और दूरस्थ अंचलो में रहने वाले छात्रो को कोई दिक्कते न हो और उनका भविष्य किसी अवयवस्था के चलते ख़राब ना हो,
रविवि प्रबंधन हर बार की तरह अपने अड़ियल रवैय्ये से बाज नहीं आ रहा और कोरोना काल में भी अपनी मनमानियों से छात्रो के अहित के अपने एकसूत्रीय सिद्धांतो पर खड़ा हुआ है और बाट जोह रहा है की अपने प्रबंधन के नकारेपन, अड़ियलपन के वजह से कोरोना छात्रो से होते हुए घरो तक फैले और जो इनसे बच जाये वो प्रबंधन के बेवकूफी भरे निर्णयों से मानसिक प्रताड़ना झेले।