अमरावती। मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने गुटखा प्रतिबंध को लेकर पुलिस व्दारा दर्ज की जा रही धारा 328 को गैर जरुरी करार देते हुए खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि धारा 328 केवल जहरीले पदार्थों के मामले में लगाई जाती है, लेकिन गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू, सुपारी, खर्रा, मावा आदि पदार्थ इस श्रेणी में नहीं आते है।
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अकोला के व्यापारी ने दी चुनौति
अकोला के एमआयडीसी पुलिस थाना क्षेत्र में ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने जठारपेठ में कार्रवाई कर व्यापारी पर धारा 188, 272, 273 तथा 328 के तहत 29 जुलाई 2020 को एफआईआर दर्ज की थी। जिसे आरोपी ने मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौति देकर एफआइआर रद्द करने याचिका दायर की थी।
इस याचिका में एमआयडीसी पुलिस थाने के साथ महाराष्ट्र राज्य सरकार को भी पार्टी बनाया गया। इस मामले में कोर्ट ने धारा 328 को खारिज करने का फैसला सुनाया है। हाइकोर्ट के इस आदेश से अब संपूर्ण महाराष्ट्र में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू के खिलाफ कार्रवाई में धारा 328 दर्ज नहीं की जा सकेगी।
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सरकार, पुलिस प्रशासन को झटका
विगत 5 फरवरी को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर गुटखा प्रतिबंधक कानून को सख्त बनाने हिदायत दी थी, जिसके तहत धारा 188, 272, 273 तथा 328 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब हाइकोर्ट ने धारा 328 हटा दी है। इसे एक प्रकार से राज्य सरकार के साथ पुलिस प्रशासन को बडा झटका माना जा रहा है। अमरावती में भी नागुपरी गेट पुलिस द्वारा गुटखे के एक मामले में धारा 328 दर्ज करने की जानकरी है।