नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में अप्रैल महीने से भारत-चीन के बीच तनाव की स्थिति जारी है। दोनों पक्षों के बीच कई बार बातचीत होने के बावजूद भी हालात में कोई भी नरमी नहीं आई है। इस बीच, पिछले तीन हफ्तों में चीन को भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया है। सेना ने पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर छह नई अहम चोटियों पर अपना कब्जा जमा लिया है। इससे पड़ोसी देश को झटका लगते हुए भारत को बढ़त हासिल हो गई है।
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि 29 अगस्त से लेकर सितंबर महीने के दूसरे हफ्ते तक भारतीय सेना ने छह नई चोटियों पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे जवानों द्वारा कब्जे में ली गईं चोटियों के नाम हैं, द मागर हिल, गुरुंग हिल, रेचेन ला, मोखपारी और फिंगर 4 के पास की प्रमुख चोटी शामिल हैं।’
सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना की नजरें इन चोटियों पर थीं, लेकिन भारतीय जवानों ने उससे पहले ही इनपर अपना कब्जा जमा लिया। इससे अब चीन के मुकाबले भारत को बढ़त हासिल हो गई है। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना की ऊंचाइयों पर कब्जे की कोशिशों को नाकाम करते हुए पैंगोंग के उत्तरी तट से झील के दक्षिणी किनारे तक कम से कम तीन मौकों पर हवा में गोलियां चलाई गईं हैं।
सूत्रों ने साफ किया है कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप की चोटियां एलएसी के चीनी ओर हैं, जबकि जिन ऊंचाइयों पर भारत ने कब्जा किया है, वे एलएसी पर भारतीय सीमा में हैं। वहीं, सेना द्वारा चोटियों पर कब्जा किए जाने के बाद चीन ने रेजांग ला और रेचान ला के नजदीक तीन हजार अतिरिक्त जवानों को तैनात कर दिया है।
गौरतलब है कि एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार आमना-सामना हो चुका है। जून के मध्य में भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, कई चीनी सैनिक भी मारे गए। हालांकि, चीन ने मारे गए सैनिकों की संख्या का जिक्र नहीं किया है। इसके अलावा, 29-30 अगस्त की रात को भी दोनों देशों के बीच चुशूल सेक्टर में आमना-सामना हुआ, जहां पर भारतीय जवानों ने चीनी घुसपैठ को नाकाम कर दिया। वहीं, सितंबर में भी चीनी सेना की घुसपैठ की कोशिश को जवान नाकाम कर चुके हैं।