नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो साल पहले नोटबंदी की घोषणा के साथ देश को चैंका दिया था। नकली नोट, जमाखोरी सहित कालाबाजारी को रोकने के लिए उठाए गए इस कदम के बाद देश में एक हजार और पांच सौ के पुराने नोटों की जगह पर दो हजार, पांच सौ, दो सौ, सौ, पचास, बीस और दस के नए नोटों को प्रचलन में लाया गया, लेकिन अब 2 हजार के नोटों की खपत बाजार में काफी कम हो गई है। जिसकी वजह से लोगों के मन में अंदेशा जागृत होने लगा है कि कहीं दो हजार के नोटों को सरकार बंद तो नहीं कर रही है। मीडिया में इस तरह की खबरें भी लगातार आती रही हैं, जिस पर संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने स्पष्टीकरण दिया है।
देश में 2000 रुपये के करंसी नोटों पर अक्सर यह बातें हो रही हैं कि अब नए नोटों की छपाई नहीं हो रही है। वित्त मंत्रालय ने खुद इस मामले पर संसद में बयान जारी किया है। मंत्रालय ने लोकसभा को बताया कि 2000 रुपये के करेंसी नोटों की छपाई बंद करने का अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार बैंक नोटों की छपाई को लेकर रिजर्व बैंक से सलाह लेकर कोई फैसला लेती है। इससे पब्लिक डिमांड के आधार पर सिस्टम में करंसी नोटों का तालमेल बना रहे।
बता दें, 2019-20 और 2020-21 के दौरान 2000 रुपये के करंसी नोटों की छपाई के कोई आर्डर नहीं दिए गए, हालांकि, मंत्री ने यह कहा कि अभी तक सरकार की तरफ से इन नोटों की छपाई बंद करने का निर्णय नहीं किया गया है। रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32,910 लाख पर आ गई। मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई है।