रायपुर। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में कोरोना की रफ्तार अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। लिहाजा रायपुर सहित दर्जनभर जिलों में एक सप्ताह के लाॅक डाउन का निर्णय लिया गया है। सभी जिलों में अलग-अलग दिनों पर लाॅक डाउन का सिलसिला आज रात से शुरू हो जाएगा। प्रदेश में अस्पतालों में बढ़ती तादाद और अव्यवस्थाओं की वजह से संक्रमित मरीजों की रूचि होम आइसोलेशन की ओर बढ़ी है। लिहाजा शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ शहरी प्रशासन भी होम आइसोलेश को प्राथमिकता की श्रेणी में रखकर चल रहा है।
पूर्व में होम आइसोलेशन को लेकर जो उलझने थीं, उसे क्रमशः शिथिल किया गया है। हालांकि होम आइसोलेशन लेने वालों को 17 दिनों तक अपने घरों पर ही रहने के निर्देश हैं, साथ ही घर के अन्य लोग संक्रमित न हों, इस बात का भी ख्याल रखा जाना है। कोरोना पॉजिटिव में अगर लक्षण नहीं है, तो उसे 17 दिनों का होम आइसोलेशन में रखना जरूरी है। इसी तरह, कोई मरीज अस्पताल से 10 दिन में डिस्चार्ज होकर लौटता है, तो उसे 7 दिनों तक घर में रहना है। डॉक्टरों की सलाह है कि होम आइसोलेशन में कमरे से 10 दिन बाद निकलने के बाद भी मरीज को 7 दिन तक क्वारेंटाइन रहना चाहिए।
अभी प्रशासन की ओर से होम आइसोलेशन वाले मरीजों को 17 दिन पूरे होने के बाद एक एसएमएस भेजा जा रहा है कि आपने 17 दिनों की अवधि पूरी कर ली है। आप स्वस्थ हैं तो बाहर जा सकते हैं। घर के बाहर लगे स्टिकर को स्वयं हटा सकते हैं। होम आइसोलेशन के काम से जुड़े अफसर राजीव कुमार पांडे और केदार पटेल ने बताया कि तय समय के बाद कोई लक्षण नहीं हैं तो दोबारा टेस्ट कराना जरूरी भी नहीं है।
तो भी घबराने की जरूरत नहीं…
स्वास्थ्य विभाग के मीडिया प्रभारी डॉ. सुभाष पांडे ने बताया कि तय समय पूरा करने के बाद भी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो घबराने की जरूरत नहीं है। कई बार मरीज के भीतर मौजूद मृत या निष्क्रिय कोरोना वायरस की वजह से भी रिपोर्ट पॉजीटिव आ जाती है। डब्लूएचओ की नई गाइडलाइन के अनुसार डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का दोबारा कोरोना टेस्ट नहीं किया जाता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पहली बार डिस्चार्ज होने के समय मरीज को फिर से कोरोना के लक्षण दिखाई दें जैसे बुखार, खांसी, स्वाद या सुगंध न आना, तो उसे दोबारा से पूरा इलाज उसी तरह करने की जरूरत है, जैसा उसने पहली बार किया था।
तत्काल संपर्क करना जरूरी
राजधानी के 70 वार्डों को 10 जोन में बांटा गया है। हर जोन में तीन-तीन डाक्टर नियुक्त किए गए हैं। निगम कमिश्नर सौरभ कुमार ने बताया कि जैसे ही होम आइसोलेशन के लिए एप पर जाएंगे, या मैसेज में आए लिंक को भरेंगे, आपके जोन के हिसाब से तीन डाक्टरों का नाम आ जाएगा। जिस डाक्टर का नाम आपके पास आएगा, वो आपसे रोजाना फोन पर बात करेंगे। अगर तबियत बिगड़े, तो इन्हीं डाक्टर को जानकारी देनी है। आपकी अवस्था के हिसाब से डाक्टर बताएंगे कि अस्पताल जाना पड़ेगा, तब सरकारी अमला ही अस्पताल भेजने की व्यवस्था करेगा।