रायपुर। कोरोना संक्रमण काल में डाॅक्टरों से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं में तैनात कर्मचारियों, जिन्हें कोरोना वारियर्स का नाम दिया गया है, उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। और उनकी सुरक्षा कवच का काम पीपीई किट करती है। रोज दिन प्रदेश में बढ़ती मरीजों की संख्या के चलते स्वास्थ्य विभाग में तैनात इन वारियर्स की सुरक्षा के लिए पीपीई किट की उपलब्धता की जिम्मेदारी भी स्वास्थ्य विभाग की है, जिसका पूरा फायदा विभागीय अमला बखूबी उठाना जाना है, इसकी बानगी हाल में जारी किए गए टेंडर के तौर पर सामने आई है।
स्वास्थ्य विभाग ने 15 सितंबर को पीपीई किट के लिए ई-टेंडर जारी किया, जिसकी अंतिम तिथि 21 सितम्बर तय की गई थी। इस समयावधि के बीच दो दिनों का अवकाश शनिवार-रविवार भी पड़ा। इसके अलावा सर्वर को इतना डाउन कर दिया गया कि वेबसाइट से टेंडर को डाउनलोड करना और फिर टेंडर को अपलोड करना इस टेंडर में रूचि रखने वाली बड़ी और राष्ट्रीय स्तर पर मानकीय कंपनियों के लिए दुष्कर हो गया।
इस विषय को लेकर दिल्ली की एक बड़ी कंपनी एक्सोटिक एक्सपोर्ट कंपनी में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि ई-टेंडर के लिए जो समय स्वास्थ्य विभाग ने दिया था, वास्तव में नाकाफी था, उसके अलावा वेबसाइट की गति की वजह से भी वे ई-टेंडर डालने में महज एक मिनट के लिए चूक गए। इस कंपनी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस ई-टेंडर पर पुनर्विचार करते हुए दोबारा ई-टेंडर जारी किया जाए। इस कंपनी ने यह भी आग्रह किया है कि देश की कई बड़ी कंपनियां, इस टेंडर में हिस्सा लेना चाहती हैं, लिहाजा अतिरिक्त दो दिनों का अवसर दिया जाए।